केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने CBI की ओर से विकसित 'भारत पोर्टल' को लॉन्च किया है। दिल्ली के भारत मंडपम से गृह मंत्रालय की यह महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च हुई है। विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विजिलेंस कमीशन और केंद्रीय पुलिस संगठन के कई अधिकारियों को अब एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा, जिससे बढ़ते अपराधों पर रोकथाम लगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध के खिलाफ काम करने वाली संस्था इंटरपोल की तर्ज पर इसका नाम भारतपोल रखा गया है। 

गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को भारत पोल की लॉन्चिंग के बाद कहा, 'टेररिज्म लोकतंत्र, मानवाधिकार आर्थिक प्रगति और विश्व शांति के खिलाफ सबसे बड़ा नासूर है, जिसे हमें जीतने नहीं देना है। टेररिज्म वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है, टेरर फंडिंग ज्यादा खतरनाक है। यह फंड टेररिज्म के मतलब और तरीके को पोषित करके दुनिया के अर्थतंत्र को कमजोर करता है।' 

'भारतपोल' क्या है?
गृहमंत्री अमित शाह ने भारत पोल को देश का क्रांतिकारी कदम बताया है। उन्होंने कहा, 'आज यहां भारतपोल का शुभारंभ किया गया है। भारतपोल हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाएगा। अब तक CBI इंटरपोल के साथ काम करने वाली एकमात्र एजेंसी थी लेकिन भारतपोल के शुभारंभ से हर भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल से जुड़ सकेगी। हम अंतर को पाटने के लिए और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलता से काम करने में सक्षम होंगे।'

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'बाद में भी एजेंसी CBI ही रहेगी लेकिन लेकिन इस तकनीक के आधार पर खड़ी की गई व्यवस्था के जरिए, ढेर सारी दूरियों को हम मिटा पाएंगे, सूचनाएं इकट्ठी कर सकेंगे। दुनियाभर में हो रहे अपराधों का सटीक तरीके से विश्लेषण करके, हम अपने यहां उन्हें होने से रोकने की दिशा में काम कर सकेंगे। मेरा भरोसा है कि आने वाले दिनों में हमारे देश के इन्वेस्टिगेशन को नए युग में ले जाने वाली यह पहल साबित होगी।'

इंटरपोल क्या है और इसका काम क्या है?
इंटरपोल दुनिया के 196 देशों के लिए काम करने वाला एक ऐसा वैश्विक पुलिस संगठन है। यह संगठन दुनियाभर की पुलिस व्यवस्था से जुड़ा है। यह दुनियाभर के अपराधियों का एक डेटाबेस तैयार करता है। उनके खिलाफ अलर्ट और नोटिस जारी करता है। यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के साथ मिलकर काम करता है। अलकायदा, तालिबान और दूसरे संगठनों पर इसकी नजर होती है। इंटरपोल से जो देश मदद मांगते हैं, उनकी मदद करने के लिए यह संस्था तैयार रहती है। जांच में इंटरपोल मदद करती है। आतंकी गतिविधियों पर भी यह संस्था नजर रखती है। इस संस्था की नजर दुनियाभर के संगठनों पर होती है। 


भारत  इंटरपोल के साथ कैसे काम करता है?
भारत भी इंटरपोल का सदस्य देश है। भारतीय जांच एजेंसी CBI इंटरपोल के साथ मिलकर काम करती है। भारत के भगोड़े अपराधियों के खिलाफ यही संस्था नोटिस जारी करती है। अब भारत पोल के जरिए एक सिस्टम बनेगा, जिससे CBI की विश्लेषण क्षमता और मजबूत होगी और पूरे देश की पुलिस एक प्लेटफॉर्म पर आसानी से आ सकेगी। 

भारत पोल के बाद क्या-क्या बदलेगा?
भारत पोल के जरिए देश की खुफिया एजेंसियां एक साथ काम करेंगी। खुफिया एजेंसियों के पास अपराधों की रियल टाइम जानकारी रहेगी। भारत पोल के जरिए वैश्विक स्तर पर आपराधिक मामलों में मदद ली जाएगी, इस पोर्टल के जरिए इंटरपोल से सीधी मदद मांगी जा सकेगी, उन्हें जानकारी सौंपी जा सकेगी।  

भारत पोल के साथ CBI काम करती है। यही संस्था दूसरी एजेसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में मदद करती है। केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर यह कॉर्डिनेशन अब तक इंटरपोल लाइजनिंग ऑफ़िसर (ILOs) के जरिए किया जाता है। 



भारतपोल पोर्टल खुफिया तंत्र को और मजबूती देगा। साइबर, फाइनेंशियल अपराध, सिंडिकेट, ह्युमन ट्रैफिकिंग के मामलों में भारत पोल की मदद से सभी जांच एजेंसियां एक पोर्टल पर आएंगी, जिससे अपराध और अपराधियों पर नकेल लगेगी। 

भारत पोल का काम क्या होगा?
भारत पोल पोर्टल, इंटरपोल से कनेक्ट रहेगा। वैश्विक स्तर पर अगर सहयोग की जरूरत पड़ती है तो इंटरपोल से मदद मांगी जाएगी, अपराधियों के खिलाफ इस पोर्टल के जरिए रियल टाइम डेटा निकाला जा सकेगा। फील्ड स्तर के अधिकारियों को कनेक्ट होने में इस पोर्टल के जरिए मदद मिलेगी। अंतराराष्ट्रीय अपराधों को रोकने में भारत की भूमिका बढ़ेगी।  

इंटरपोल से कौन-कौन सी वैश्विक एजेंसियां जुड़ी हैं?
197 देशों की प्रमुख जांच जांच एजेंसियां इंटरपोल के साथ मिलकर काम करती हैं। भारत की CBI, पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (FIA), अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी, फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन और रूस का फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSB) जैसी संस्थाएं इंटरपोल से जुड़ी रहती हैं। 

इंटरपोल के पास कुल 19 डेटाबेस हैं, जिनके आधार पर यह संस्था वैश्विक अपराधों पर नजर रखती है। दुनियाभर के भगोड़े अपराधियों, संदिग्ध अपराधियों और वांछित व्यक्तियों के खिलाफ यह संस्था नोटिस जारी करती है। इंटरपोल पर अपराधियों से जुड़ी जानकारियां सुरक्षित रखी जाती हैं। इसे इंटरपोल क्रिमिनल इन्फॉर्मेशन सिस्टम के तौर पर जानते हैं।

कौन-कौन सी जानकारियां होती हैं इंटरपोल के पास?
इंटरपोल के पास अपराधियों की तस्वीरें, वीजा हिस्ट्री, फॉरेंसिक सूचनाएं, फिंगरप्रिंट्स, डीएनए और दस्तावेजों का रिकॉर्ड रहता है भारत पोर्टल पर भी यहीं चीजें मौजूद रहेंगी।