बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना में जबरदस्त बवाल हो रहा है। गांधी मैदान से छात्र संसद करने के बाद हजारों अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च के लिए निकले थे।प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने रविवार को वाटर कैनन और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी परीक्षा रद्द कर दोबारा एग्जाम कराने की मांग कर रहे हैं। 


प्रदर्शनकारी रविवार दोपहर को पटना के गांधी मैदान में जुटे थे। यहां जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर भी थे। अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन रास्ते में ही पुलिस से उनकी झड़प हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जेपी गोलंबर के पास रोक दिया था। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड लांघने की भी कोशिश की थी।

प्रशांत किशोर समेत 21 नामजद

रविवार को हुए बवाल के बाद पुलिस ने प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों को नामजद किया है। इनके अलावा 600-700 अज्ञात पर भी केस हुआ है। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर, उनकी पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती और ट्यूटर रामांशु मिश्रा समेत 21 को नामजद किया गया है। इन पर बगैर अनुमति के गांधी मैदान पर छात्रों को एकजुट करने का आरोप है।

प्रशांत किशोर का नाम क्यों?

रविवार को पटना के गांधी पर सुबह से ही छात्र एकजुट होने लगे थे। दोपहर को प्रशांत किशोर यहां पहुंचे और उन्होंने BPSC अभ्यर्थियों को संबोधित किया। अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'मुख्यमंत्री के पास प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों की शिकायतें सुनने का समय नहीं है। वो दिल्ली चले गए हैं। जब तक परीक्षा रद्द करने की मांग नहीं मानी जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा। मैं हमेशा प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ हूं।'

पटना से दो ट्यूटर गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने 600-700 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि रविवार को हुए प्रदर्शन को भड़काने के आरोप में पटना से दो ट्यूटर रामांशु मिश्रा और रोहन आनंद को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, बाद में दोनों को सशर्त जमानत मिल गई थी।

प्रशासन ने क्या कहा?

डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सरकार युवाओं के प्रति संवेदनशील है। मुख्य सचिव छात्रों की ओर से नामित 5 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, छात्र अब तक 5 लोगों का नाम नहीं दे सके हैं।

छात्रों का क्या है कहना?

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी BPSC की ओर से होने वाली 70वीं इंटीग्रेटेड कंबाइंड कॉम्पिटेटिव एग्जाम (CCE) को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। छात्र कथित पेपर लीक के चलते ऐसी मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थी इस परीक्षा को दोबारा कराने की मांग पर अड़े हैं।


मीडिया से बात करते हुए एक अभ्यर्थी ने कहा, 'हमने कभी उम्मीद नहीं की थी कि सरकार हमारे साथ इस तरह का बर्ताव करेगी। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। हमें उन लोगों से कोई लेना-देना नहीं है जो राजनीतिक लाभ के लिए हमारे आंदोलन का समर्थन करने के लिए यहां आ रहे हैं।'