पाकिस्तान में हिरासत में लिए गए बीएसएफ जवान पुर्णम कुमार साहू के परिजनों को 12 मई को होने वाली भारत-पाकिस्तान डीजीएमओ बैठक से रिहाई की उम्मीद है। साहू को 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर में गलती से सीमा पार करने पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ा था। कई फ्लैग मीटिंग्स बेनतीजा रहने और पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव के बावजूद, हाल ही में दोनों देशों के बीच हुए सीजफायर समझौते ने परिवार को आशा दी है। जवान की पत्नी रजनी साहू और उनके पिता भोलानाथ साहू ने केंद्र सरकार और बीएसएफ के प्रयासों पर भरोसा जताया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र से जल्द रिहाई की अपील की है। 

 

साहू के पिता भोलानाथ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अब जब युद्ध विराम लागू हो गया है तो पाकिस्तान उसे वापस कर देगा। मेरी बहू  वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के लिए पंजाब भी गई थी। उन्हें बताया गया कि वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन पाकिस्तान कोई जवाब नहीं दे रहा है। युद्ध विराम के 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है।'

 

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साहू की तत्काल वापसी की मांग

भोलानाथ ने कहा कि उनके सबसे छोटे बेटे और अन्य रिश्तेदार दिल्ली में हैं, वे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मिलने और साहू की तत्काल वापसी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कल कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक है। मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम और बातचीत में मेरे बेटे की वापसी भी शामिल होगी। वह ड्यूटी पर था, जब वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में चला गया।' 

 

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कैसे हुई गलती से सीमा पार?

दरअसल, साहू बुधवार को जीरो लाइन के पास खेतों में काम कर रहे सीमावर्ती ग्रामीणों (किसानों) की सहायता करते समय गलती से सीमा पार कर गए थे और उन्हें पाकिस्तान सीमा सुरक्षा बल ने पकड़ लिया था। पश्चिम बंगाल के हुगली के निवासी साहू 10 अप्रैल से भारत-पंजाब सीमा पर एक तदर्थ टीम के साथ तैनात थे, जब वह अनजाने में सीमा पार कर गए, तब वह अपनी वर्दी पहने हुए थे और ड्यूटी पर थे।