लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई है। बजट सत्र का दूसरा हिस्से में 16 विधेयक पारित किए गए, जिनमें 26 बैठकें हुईं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की उत्पादकता 118 प्रतिशत से ज्यादा रही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में कुल 173 सदस्यों से हिस्सा लिया।
 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बजट सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पुन: स्थापित किए गए हैं, वहीं वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 समेत अन्य 16 विधेयक पारित किए गए हैं। सत्र के दौरान 3 अप्रैल तक शून्य काल के दौरान 202 सदस्यों ने लोकहित के मुद्दे उठाए, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।

बजट सत्र के दौरान कौन से विधेयक सुर्खियों में रहे
संसद के बजट सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला फिर 10 मार्च से 4 अप्रैल तक सदन की कार्यवाही जारी रही। आइए जानते हैं उन विधेयकों के बारे में, जिन पर खूब चर्चा हुई। 

  • द इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025
  • द एप्रोप्रिएशन बिल 2025
  • द एप्रोप्रिएशन (नंब.2) विधेयक 2025
  • द मणिपुर एप्रोप्रिएशन बिल 2025
  • द मणिपुर एप्रोप्रिएशन (वोट ऑन एकाउंट) बिल 2025
  • द त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बिल 2025 
  • वक्फ संशोधन विधेयक 2025

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लोकसभा में किस विधेयक पर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ?

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान खूब हंगामा हुआ। संसद के दोनों सदनों में इस विधेयक पर पक्ष-विपक्ष ने आरोप-प्रत्यारोपों की झड़ी लगाई। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि सबसे पहले वक्फ बिल में पुराना रिकॉर्ड 1981 में 16 घंटे 51 मिनट आजमा विधेयक पर चर्चा हुई, राज्यसभा में कल 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा हुई, जो रिकॉर्ड बन गया।' कुछ यही आलम लोकसभा में भी रहा। 

विपक्ष ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के बहाने नरेंद्र मोदी सरकार, अल्पसंख्यकों की जमीन छीनना चाहती है, वहीं केंद्र सरकार की ओर से गृहमंत्री अमित शाह और किरेन रिजिजू ने कहा कि हम किसी की जमीन नहीं छीन रहे हैं, हम सबको कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत ला रहे हैं। 


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लोकसभा-राज्यसभा में किन मुद्दों पर खूब हुई सियासत?
राज्यसभा में मणिपुर हिंसा का भी मुद्दा उठा। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंतिम दिन कहा, '2 साल से मणिपुर जल रहा है, सरकार पूरी तरह से हिंसा रोकने में नाकाम रही है। 260 लोग मारे गए हैं, 60 हजार लोग विस्थापित हैं, धार्मिक स्थल तोड़े गए हैं, परिवार बिखर गए हैं।'


 

संसद में कुंभ के दौरान मची भगदड़ का भी मुद्दा भी छाया रहा। विपक्ष ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए। बजट सत्र में डोनाल्ड ट्रम्प के भारत पर टैरिफ लगाने को लेकर भी खूब चर्चा हुई। संसद में चीन के कथित तौर पर भारतीय जमीन में दाखिल होने का मुद्दा भी एक बार फिर छाया।

 

28 मार्च को राणा सांगा पर सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने अपमानजनक बयान दिया तो बीजेपी ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने कहा कि एक तरफ बार-बार डोनाल्ड ट्रम्प, पीएम मोदी को अपना दोस्त बता रहे हैं, दूसरी तरफ वह भारत पर कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं। यह केंद्र की कूटनीतिक विफलता है। कांग्रेस सांसदों की अगुवाई में संसद के मकर द्वार पर विपक्षी दलों ने भी ट्रम्प के टैरिफ प्लान पर केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की।