जयपुर के स्टेट कैंसर हॉस्पिटल में 10 साल के बच्चे की मौत हो गई। मासूम ब्लड कैंसर से पीड़ित था और चूहे ने उसके पैर को कुतर दिया था। 10 साल के मासूम को ब्लड कैंसर होने और तबीयत बिगड़ने के बाद 11 दिसंबर को एससीआई में पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया गया। रात को सोते समय बच्चे के अंगूठे को चूहे ने कुतर दिया।

 

बच्चा रोने लगा जिसके बाद परिजनों ने उसके ऊपर से कंबल हटाया तो देखा कि उसके एक पैर के अंगूठे से चूहे के काटने के कारण खून बह रहा था। परिजनों ने इसकी सूचना वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ को दी, जिन्होंने प्राथमिक उपचार के बाद पैर पर पट्टी बांध दी। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा ने बताया कि चूहे के काटने की सूचना मिलते ही उन्होंने बच्चे का उपचार शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए गए हैं। 

अस्पताल के अधिकारियों ने दी सफाई

10 साल के मासूम की मौत के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने सफाई दी है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की मौत चूहे के काटने से नहीं बल्कि ‘सेप्टिसीमिया शॉक और उच्च संक्रमण’ के कारण हुई। डॉ. संदीप जसूजा ने कहा, 'बच्चे को बुखार और निमोनिया भी था। बच्चे की मौत उच्च संक्रमण, सेप्टिसीमिया शॉक के कारण हुई है। अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने सवाई मान सिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से रिपोर्ट मांगी है। राजस्थान सरकार ने मामले की जांच के लिए समिति गठित की है। 

 

परिजन ने लगाया आरोप

परिजनों ने आरोप लगाया है कि बच्चे को चूहे ने जब काटा तो वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ के एक सदस्य ने बस पट्टी बांध दी और चला गया। पीड़ित परिवार का कहना है कि इतने बड़े सरकारी अस्पताल में ऐसी लापरवाही के बाद भी किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई।

 

परिजनों ने अस्पताल की गंदगी पर भी सवाल उठाए है। परिजनों ने कहा कि वार्ड में चूहों के अलावा बिल्ली और कुत्ते घूमते रहते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने खुद चूहों की रोकथाम के लिए वार्ड की छत पर टेप लगाया हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद डॉक्टर संदीप जसूजा ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे है।