भारत सरकार ने देश में जातिगत जनगणना की तारीखों का ऐलान कर दिया है। देश में जातीय जनगणना दो चरणों में कराई जाएगी। भारत में जातिगत जनगणना का पहला चरण एक अक्टूबर 2026 से शुरू होगा जबकि दूसरे चरण की शुरुआत एक मार्च 2027 से होगी।
पहले चरण में जातिगत जनगणना चार राज्यों में होगी। इन राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल, लद्दाख और जम्मू कश्मीर शामिल हैं।
विपक्ष कर रहा था जातिगत जनगणना की मांग
बता दें कि विपक्ष काफी लंबे समय से केंद्र की मोदी सरकार से जातिगत जनगणना करवाने की मांग कर रहा था। देश में पिछली बार जनगणना साल 2011 में हुई थी। इसके हिसाब से हर 10 साल बाद देश में हुए जनगणना होती है लेकिन 2021 में कोरोना आने के बाद से इसमें लगातार देरी हो रही थी, जिसके लिए विपक्ष नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की आलोचना कर रहा था।
जानकारी के मुताबिक, लगभग तीन साल में जातिगत जनगणना की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
सभी जातियों की होगी गिनती
देश में लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग की जा रही थी, जिस पर फाइनल मुहर लगने के बाद अब इसकी तारीख भी सामने आ गई है। आजादी के बाद 1951 से 2011 तक सात बार और भारत में कुल 15 बार जनगणना की हो चुकी है। जनगणना में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना की जाती है, लेकिन अन्य दूसरी जातियों की गिनती नहीं होती है। इस बार की जनगणना में सभी जातियों की गिनती की जाएगी।