जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर दोहरी मुसीबत आ गई है। एक तरफ उनकी तबीयत खराब है और वह अस्पताल में भर्ती हैं। दूसरी तरफ, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी चार्जशीट में सत्यपाल मलिक का भी नाम लिखा है। CBI ने यह चार्जशीट जम्मू-कश्मीर के किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट केस में दाखिल की है। सत्यपाल मलिक समेत कुल 7 लोगों को भ्रष्टाचार के इस मामले में आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि जब सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तब उनकी जानकारी में ही भ्रष्टाचार हुआ और इसमें उनके कुछ सहयोगी भी शामिल थी।

 

CBI के अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि सत्यपाल मलिक के अलावा, उनके दो प्राइवेट सेक्रेटरी और चार अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। इसी केस में CBI ने साल 2024 में दिल्ली और जम्मू समेत कुल 8 जगहों पर छोपेमारी की थी। यह मामला किरु हायड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। आरोप हैं कि 2200 करोड़ रुपये का ठेका देने में भ्रष्टाचार किया गया था।

 

अस्पताल में एडमिट हैं सत्यपाल मलिक

 

दूसरी तरफ, सत्यपाल मलिक ने अपने X हैंडल से अपनी तस्वीर पोस्ट करके लिखा है कि उनकी तबीयत खराब है। सत्यपाल मलिक ने लिखा है, 'नमस्कार साथियों। मेरे बहुत से शुभचिंतकों के फ़ोन आ रहे हैं जिन्हें उठाने में मैं असमर्थ हूं। अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं फिलहाल राममनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में भर्ती हूं ओर किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं।'

 

यह भी पढ़ें- घर बिकने को तैयार, पर खरीदार नहीं! DDA फ्लैट्स से क्यों कतराते हैं लोग

 

कैसे शुरू हुआ यह केस?

 

इस मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार ने साल 2022 में अनुरोध किया था और इसकी जांच CBI को सौंपी थी। मामला इस प्रोजेक्ट से जुड़े दो बड़े कॉन्ट्रैक्ट देने में हुई तथाकथित गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है। रोचक बात यह है कि सबसे पहले इस प्रोजेक्ट से जुड़ी आपत्तियां सत्यपाल मलिक ने ही उठाई थीं। वह 23 अगस्त 2018 से 30 अक्तूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। 

 

यह भी पढ़ें: 'सारी हदें पार कर रहा ED', सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों बोला?

 

सत्यपाल मलिक ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उन्हें दो फाइलें पास करने के एवज में 300 करोड़ रुपये का ऑफर मिला था। सत्यपाल मलिक के ही मुताबिक, इसमें से एक फाइल किरु प्रोजेक्ट से संबंधित थी।

 

इस मामले में जब फरवरी 2024 में सत्यपाल मलिक के घर और अन्य जगहों पर छापेमारी की गई थी, तब उन्होंने कहा था, 'यह वही केस है जिसमें मैंने कहा था कि मुझे 150 करोड़ की रिश्वत देने की कोशिश की गई लेकिन मैंने फाइल पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया था। मैंने जिन लोगों के नाम लिए थे, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय CBI ने व्हिसलब्लोअर के खिलाफ ही कार्रवाई करने का फैसला किया। मैंने किसान आंदोलन को लेकर जिस तरह से सवाल पूछे हैं, वह सरकार को पसंद नहीं आया इसलिए सरकार अपने आलोचकों को चुप कराना चाहते हैं।' 

 

किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट क्या है?

 

यह प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर में बहने वाली चिनाब नदी पर बनाया जा रहा है। इसकी कुल क्षमता 624 मेगावाट की होगी। पहले से बने किरथाई 2 और क्वार हाइड्रो प्रोजेक्ट के बीच यह प्रोजेक्ट कुल 4287 करो़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। बांध बनाने से लगभग 41.5 मिलियन वर्ग मीटर पानी रोका जा सकेगा और डायवर्जन सुरंग बनाकर अतिरिक्त पानी निकालने का इंतजाम होगा।

 

यह भी पढ़ें: रान्या राव केस में फंस जाएंगे कर्नाटक के गृहमंत्री? ED ने मारा छापा

 

इस प्रोजेक्ट को चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन मिलकर बना रहे हैं।

 

केस में क्या-क्या हुआ?

 

CBI से पहले इस केस में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच की थी। इस जांच में पाया गया था कि इस प्रोजेक्ट को CVPPL ने अपनी 47वीं मीटिंग में रद्द कर दिया था लेकिन 28वीं मीटिंग में इसे फिर से पास कर दिया गया। यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र की कंस्ट्रक्शन कंपनी पटेल इंजीनियरिंग को दिया गया।

 

एफआईआर में आरोप लगे कि टेंडर देने में ई-टेंडरिंग के नियमो का पालन नहीं किया गया।