पहलगाम हमले को लेकर भारत ने एक बड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 5 कड़े फैसले लिए हैं। यह फैसला सीसीएस की मीटिंग में लिया गया है। ढाई घंटे तक चली सीसीएस की मीटिंग में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार शाम को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। सीसीएस को 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।
इसके अलावा कई अन्य लोग घायल हुए। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मीटिंग में कहा गया कि दुनिया भर की कई सरकारों से समर्थन और एकजुटता दिखाई गई है, जिन्होंने इस आतंकी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की है सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में, आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। यह नोट किया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक विकास और विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ।
विदेश मंत्रालय ने इन पांच बड़े फैसलों के बारे में बताया-
1. पाकिस्तान के साथ 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। इसके तहत इंडस रीवर सिस्टम से से 39 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी हर साल भारत से पाकिस्तान में बहता है। दोनों देशों के बीच नदी जल बंटवारे को नियंत्रित करने वाली यह संधि लंबे समय से सहयोग का प्रतीक माना जाता रहा है, यहां तक कि वर्षों से चले आ रहे संघर्ष के बीच भी।
2. अटारी इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। जो लोग कानूनी तरीके से भारत में पहले ही प्रवेश कर चुके हैं वे 1 मई, 2025 तक अटारी के जरिए पाकिस्तान लौट सकते हैं। अटारी ICP ऐतिहासिक रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और लोगों के बीच मिलने-जुलने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम रहा है। इसका बंद होना दिखाता है कि कूटनीतिक रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ चुका है।
3. अब पाकिस्तानी नागरिकों को एसवीईएस यानी कि सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा जो भी पाकिस्तानी नागरिक एसवीईएस वीजा पर इस वक्त भारत में हैं उन्हें 48 घंटों के अंदर देश छोड़ना होगा। पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में प्रवेश पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगा दी गई है। इसमें वीजा सर्विस और क्रॉस-बॉर्डर ट्रैवेल परमिट भी शामिल है।
4. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (persona non grata) घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए 7 दिनों का समय दिया गया है। भारत भी पाकिस्तान के इंडियन हाई कमीशन से अपने डिफेंस,नेवी और एयर एडवाइजर को इस्लामाबाद से वापस बुलाएगा। दोनों हाई कमीशन से सर्विस एडवाइजर के पांच सपोर्ट स्टाफ को भी वापस बुलाया जाएगा।
5. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह नई दिल्ली में अपनी राजनयिक उपस्थिति को घटाकर मात्र 30 कर्मचारियों तक सीमित कर दे, जो कि अभी की संख्या 55 है।
26 लोगों की हुई थी मौत
पहलगाम में हुई घटना में 26 लोगों की मौत हुई थी जिनमें से 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक था। इसके अलावा इस घटना मे 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों में UP, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं।
इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में मौजूद है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हमले में 5 आतंकी शामिल थे। इनमें से दो लोकल और 3 पाकिस्तानी आतंकी थे।
अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा
सीसीएस ने पूरी तरीके से सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। इसने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके पीछे के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं, या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है।