मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग को समय-समय पर शिकायतें मिलती है। विपक्ष के आरोपों के बीच EC आवश्यक सुधार के लिए कदम उठाता रहा है।

 

दरअसल, मतदाता सूची में गड़बड़ी कई तरह की हो सकती है, जैसे- मतदाता का नाम गायब होना, एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज होना, गलत जानकारी दर्ज होना, या मृत व्यक्तियों के नाम सूची में बने रहना।

 

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18 मार्च को होगी हाई-लेवल मीटिंग

इसी को देखते हुए अब मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को यूआइडीएआइ और केंद्र सरकार की एक बैठक बुलाई है। ऐसा माना जा रहा है कि मतदाता पहचान पत्र को अब आधार से लिंक किया जाएगा। इस बैठक में गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ भी शामिल होंगे। 

 

आधार से लिंक होगा वोटर कार्ड?

आसान भाषा में समझें तो नए मुख्य चुनाव आयुक्त अगले तीन महीनों में लगभग 25 सालों से लंबित डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड समस्या का समाधान करना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयुक्त 31 मार्च से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ), जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के स्तर पर सर्वदलीय बैठकें आयोजित करेंगे। 

 

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30 अप्रैल तक मांगे जाएंगे सुझाव

30 अप्रैल तक लीगल फ्रेमवर्क के भीतर सभी राष्ट्रीय और राज्य दलों से सुझाव मांगें जाएंगे, जो दशकों में पहली बार किया जाने वाला कार्य होगा। बूथ-स्तरीय एजेंट, मतदान एजेंट, मतगणना एजेंट और चुनाव एजेंट सहित क्षेत्र-स्तरीय राजनीतिक एजेंटों को पहली बार कानूनी ढांचे के अनुसार उनकी प्रमुख भूमिकाओं के बारे में ट्रेन किया जाएगा। 

 

अगर आपकी मतदाता सूची में गड़बड़ी है तो क्या करें?

NVSP पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन सुधार करें।
1950 टोल-फ्री नंबर पर कॉल करके जानकारी प्राप्त करें।
अपने क्षेत्र के बीएलओ या निर्वाचन अधिकारी से संपर्क करें।
फॉर्म-6 (नया नाम जोड़ने के लिए), फॉर्म-7 (गलत नाम हटाने के लिए), फॉर्म-8 (जानकारी सुधारने के लिए) भरें।