केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने बताया है कि 2024 में सबूतों की कमी के कारण 174 केस को बंद कर दिया गया। ये पहली बार है जब CBI ने इतने ज्यादा मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। बताया जा रहा है कि सबूतों की कमी के चलते इन केस को बंद कर दिया गया है। इससे पहले 2022 में 32 और 2023 में 62 मामलों की क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी।
कौनसे मामले हुए बंद?
पिछले साल CBI ने जिन केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, उनमें एनसीपी नेता प्रफुल पटेल का मामला भी है। प्रफुल पटेल के खिलाफ नेशनल एविएशन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के विमान पट्टे देने में अनियमितताएं बरतने की जांच चल रही थी। उनके अलावा झारखंड में स्टील प्लांट के लिए जंगल की जमीन के डायवर्जन को लेकर पूर्व मंत्री जयंती नटराजन के खिलाफ चल रही जांच को भी बंद कर दिया गया है। इसके अलावा ICICI बैंक को 48 करोड़ का नुकसान पहुंचाने के मामले में NDTV के फाउंडर प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ चल रही जांच भी बंद हो गई है। IPL के 2019 सीजन में सट्टेबाजी का केस भी बंद हो गया है।
2024 में 1,467 मामले निपटाए
20204 में CBI ने कुल 1,467 मामलों का निपटारा किया। इनमें 1,293 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई है, जबकि 174 मामले बंद कर दिए गए हैं। ये पहली बार है जब CBI ने एक साल में हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया है। जांच एजेंसी ने 2022 में 585 और 2023 में 588 मामलों का निपटारा किया था।
अभी कितने मामले पेंडिंग?
आमतौर पर CBI को केस दर्ज होने के एक साल के भीतर जांच पूरी करनी होती है। हालांकि, कई बार गवाहों, सबूतों और दस्तावेज जुटाने में समय लग जाता है। कुछ केसेस 5-10 साल से पेंडिंग हैं। CBI के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 के आखिर तक 692 और 2023 तक 658 मामले पेंडिंग थे। 2024 में 845 नए मामले दर्ज किए गए थे और साल के आखिर तक 622 मामले पेंडिंग थे।