चंडीगढ़ में केंद्र सरकार ने अहम प्रशासनिक बदलाव किया है। यहां एडवाइजर टू एडमिनिस्ट्रेटर की पोस्ट खत्म कर दी गई है। अब यहां चीफ सेक्रेटरी की पोस्ट होगी। मौजूदा एडवाइजर राजीव वर्मा ही यहां के चीफ सेक्रेटरी होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।


इस बदलाव के बाद अब सिर्फ दादरा नगर हवेली और लक्षद्वीप ही ऐसे केंद्र शासित प्रदेश रह गए हैं, जहां एडवाइजर का पद होगा। बाकी सभी केंद्र शासित प्रदेशों में चीफ सेक्रेटरी का ही पद है।

क्या है ये पोस्ट?

कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में उपराज्यपाल होते हैं तो कुछ में प्रशासक यानी एडमिनिस्ट्रेटर। चंडीगढ़ ऐसा ही केंद्र शासित प्रदेश है, जहां एडमिनिस्ट्रेटर होते हैं। 1984 से पहले तक चंडीगढ़ में चीफ कमिश्नर का पद हुआ करता था। जून 1984 में जब पंजाब के राज्यपाल को ही चंडीगढ़ का प्रशासक नियुक्त किया गया तब यहां एडवाइजर टू एडमिनिस्ट्रेटर की पोस्ट आई। चंडीगढ़ के आखिरी चीफ कमिश्नर कृष्णा बनर्जी को ही पहला एडवाइजर नियुक्त किया गया था। उनके बाद से अब तक 20 एडवाइजर आ चुके हैं। मौजूदा एडवाइजर राजीव वर्मा को 7 फरवरी 2024 को नियुक्त किया गया था।

एडवाइजर की जगह चीफ सेक्रटरी... असर क्या होगा?

केंद्र सरकार ने अभी जो बदलाव किया है, उसका कोई खास असर नहीं होगा। ये ठीक उसी तरह होगा, जैसा बाकी राज्यों में होता है। माना जा रहा है कि सिर्फ पोस्ट का नाम बदला है, क्योंकि चंडीगढ़ के एडवाइजर के तौर पर सिर्फ AGMUT यानी अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और यूटी कैडर के IAS को ही नियुक्त किया जाता रहा है। इस पोस्ट को चीफ सेक्रेटरी के बराबर ही माना जाता है। कुल मिलाकर कामकाज में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।

चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्टिंग किसे?

जिस तरह से बाकी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी वहां के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। वैसे ही चंडीगढ़ के चीफ सेक्रेटरी यहां के प्रशासक यानी एडमिनिस्ट्रेटर को रिपोर्ट करेंगे।

और क्या बदलाव हुआ?

चंडीगढ़ में अब IAS की संख्या भी बढ़ा दी गई है। अब तक यहां 9 IAS होते थे। अब 11 होंगे। अब चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी, अर्बन प्लानिंग और स्मार्ट सिटी सेक्रेटरी, डिप्टी कमिश्नर, ज्वॉइंट सेक्रेटरी, एक्साइज कमिश्नर, 2 सेक्रेटरी, एक एडिशनल सेक्रेटरी और एक एडिशनल डिप्टी कमिश्नर की पोस्ट होगी।