राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। उसने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर मामले में CBI केस में जमानत की शर्तों में बदलाव करने का निर्देश मांगा है। अब कोर्ट इस मामले में 23 दिसंबर को फैसला सुनाएगा।
जमानत को लेकर कुछ शर्तें ऐसी हैं जिनकी वजह से क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई नहीं हो पा रही है। शनिवार को, कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जमानत के बाद भी रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि एक केस सीबीआई के पास भी है।
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भारत की छवि का क्यों होगा
आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने इस दौरान कहा, 'जब तक बदलाव नहीं किया जाएगा, तब तक इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुझे उम्मीद है अभी जेल में रहना पड़ेगा, लेकिन मुझे यह नहीं पता कि भारत की छवि का क्या होगा? मुझे उम्मीद नहीं है कि मुझे कल रिहा किया जाएगा... लेकिन देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।'
आगे मिशेल ने कहा, 'इसमें अभी समय लगेगा...बिना ट्रायल या चार्ज के 7 साल से जेल में हूं... मैं अकेला रेड नोटिस वाला हूं और इसी वजह से मुझे आना पड़ता है...मेरे पास अपने बचाव में कहने को कुछ नहीं है क्योंकि कोई ट्रायल नहीं हो रहा है...मैं बाहर सुरक्षित नहीं हूं क्योकि मेरे ऊपर जेल में हमला हुआ, जो कि सुरक्षित माना जाता है, तो फिर मैं बाहर कैसे सुरक्षित हूं'
क्या है मामला?
अगस्ता वेस्टलैंड 36 हेलीकॉपटर्स की खरीद के मामले में 3600 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर 4 दिसंबर 2018 को भारत लाया गया था, फिर 19 सितंबर 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दायर किया जिस पर 23 अक्तूबर 2020 को कोर्ट ने संज्ञान लिया था।
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चार्जशीट में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मिशेल के वकील का कहना है कि वह पहले ही सजा के बराबर समय तक के लिए जेल काट चुके हैं।
