जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने चुनावी वादों को लागू करना शुरू कर दिया है। साथ ही अन्य चुनावी वादों को पूरा करने के लिए जल्द काम शुरू करेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि इन कामों के करने के लिए व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है।

 

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि इस बार की सरकार और पिछली बार की उनकी सरकार में काफी अंतर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बहाल होगा। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को चुनावों में सक्रिय भागीदारी के बदले में कुछ मिलना चाहिए।

 

पिछली सरकार और इस सरकार में अंतर

 

सीएम उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमें सत्ता में आए दो महीने हो चुके हैं और यह समझने में थोड़ा समय लग रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जम्मू-कश्मीर में यह नई व्यवस्था कैसे काम करती है। हमारी पिछली सरकार और इस सरकार में बहुत अंतर है। मुझे लगा था कि ऐसी परिस्थितियों में काम करना मुश्किल होगा, लेकिन हमारी शुरुआत काफी अच्छी रही है।'

 

मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, 'केंद्र सरकार ने लोगों से कई वादे किए हैं उन प्रमुख वादों में से एक राज्य का दर्जा बहाल करना है। हमें उम्मीद है कि इसमें अधिक समय नहीं लगेगा।'

 

जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा बॉर्डर के दूसरी तरफ

 

उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के साथ में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, 'भले ही हम यह स्वीकार कर लें कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति का स्थायी समाधान हो गया है, लेकिन तथ्य यह है कि जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा बॉर्डर के दूसरी तरफ है।'

 

उन्होंने कहा, 'जब बीजेपी दावा करती है कि कश्मीर समस्या हल हो गई है, तो क्या इसका मतलब यह है कि वे मानते हैं कि बॉर्डर के दूसरी तरफ का मुद्दा भी हल हो गया है? स्पष्ट रूप से, ऐसा नहीं हुआ है। कश्मीर समस्या अभी भी मौजूद है, चाहे वह बॉर्डर के इस तरफ हो या उस तरफ। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर हम चर्चा कर सकते हैं।'