उत्तर प्रदेश में शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'जय श्रीराम' का नारा उत्तेजक नारा नहीं है बल्कि हमारी श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अगर कल मैं आपसे कहूं कि 'अल्लाह हू अकबर' का नारा मुझे अच्छा नहीं लगता और अगर हम आपको रोकें तो क्या आपको अच्छा लगेगा।
विधानसभा में हो रहे शोर-शराबे के बीच योगी ने कहा कि 'मुझे अल्लाह हू अकबर जैसे नारे की आवश्यकता नहीं है। मैं जय श्रीराम, हर हर महादेव और राधे राधे बोलकर जिंदगी काट सकता हूं. मेरी तो विरासत इतनी लंबी चौड़ी प्राचीन है, मैं उसको ही ले के चला जाऊं...मैं राधे राधे के संबोधन से ही अपना पूरा जीवन काट सकता हूं। मुझे किसी और स्लोगन की जरूरत नहीं है।'
संभल पर क्या बोले योगी
संभल पर हो रही चर्चा के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को कहा कि उन्होंने हिंदुओं के साथ हुई हिंसा की तरफ से आंखें मूंद रखी हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सूरज, चंद्रमा और सत्य को ज्यादा लंबे समय तक छिपा नहीं सकता।
यूपी में घटा क्राइम
आंकड़ों को पेश करते हुए उन्होंने विपक्ष के उस आरोप का भी खंडन किया कि यूपी में क्राइम दिनों-दिन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2017 के बाद से ही यूपी में दंगे नहीं हुए हैं. जबकि इसके पहले 815 दंगे हुए और इसमें 192 लोगों की जान गई। साल 2007 से 2011 के बीच हिंसा के 616 वाक्यात हुए और इसमें 120 लोगों की मौत हुई।
सांप्रदायिक नहीं है जय श्रीराम
सीएम ने कहा कि अगर आप पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाएंगे को देखेंगे कि कोई भी सुबह मिलता है तो राम-राम कहता है, तो जय श्रीराम सांप्रदायिक कैसे हो गया।