कर्नाटक के बेलगावी में गुरुवार से कांग्रेस का दो दिन का अधिवेशन शुरू हो गया। इस अधिवेशन के लगे पोस्टर पर अब बवाल खड़ा हो गया है। बेलगावी में कांग्रेस के जो पोस्टर लगे हैं, उनमें भारत का गलत नक्शा दिख रहा है। इस पर अब बीजेपी आक्रामक हो गई है।


इस पर घेरते हुए गुरुवार को बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत को तोड़ने का सपना देखने वालों के साथ कांग्रेस के गठजोड़ की तस्वीर साफ हो गई है। 


इससे पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस के इन पोस्टर्स को सोशल मीडिया पर साझा किया था। इन पोस्टर्स में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की तस्वीरें भी हैं।

सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा?

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान पर वीर बाल दिवस मना रहा है। आज पूरा देश उत्साह के साथ, गरिमा के साथ उस बलिदान को याद कर रहा है। परंतु इसी अवसर पर एक दूसरी तस्वीर उभरकर सामने आती है, जो हृदय में बहुत पीड़ा उत्पन्न करती है। बेलगावी में कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है, उसमें बीजेपी कर्नाटक की तरफ से एक ट्वीट जारी होता है, जिसमें भारत के नक्शे में पीओके और अक्साई चिन गायब दिखता है। कई बार इन्होंने इससे पहले भी किया है। कुछ ट्वीट डिलीट भी किए गए थे। महत्वपूर्ण बात है कि महात्मा गांधी की फोटो के साथ लगा है।'

 

'देश तोड़ने वालों के साथ कांग्रेस'

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, 'क्या यही वो भारत देश है जिसके लिए राणा प्रताप ने घास की रोटी खाई थी। जिसके लिए शिवाजी ने जान की बाजी लगाई थी। जिसके कारण रण में कूदी रानी लक्ष्मीबाई थी। जिसके कारण भगत सिंह ने फांसी गले लगाई थी। जिसके कारण गुरुपुत्रों ने अपनी जान लुटाई थी। जिस भारत मां के टुकड़े करते तुमको लाज न आई थी। उस भारत मां की यह छवि तुमने आज दिखाई है।'


उन्होंने कहा, 'भारत को छिन्न-भिन्न देखने का स्वप्न देखने वाली शक्तियों, भारत को तोड़ने का ख्वाब देखने वाली ताकतों के साथ कांग्रेस के गठजोड़ की तस्वीर एकदम साफ हो गई है।'

 

दो दिन चलेगा कांग्रेस का अधिवेशन

बेलगावी में कांग्रेस का अधिवेशन दो दिन चलेगा। यह अधिवेशन 1924 में कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। 26 और 27 दिसंबर 1924 को कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। यह पहला और आखिरी अधिवेशन था, जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी। इसी अधिवेशन में महात्मा गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था।