हर साल दिवाली और छठ से पहले दिल्ली में हवा और पानी का प्रदूषण चर्चा का विषय बनता है। इस बार भी कुछ बदला नहीं है। धनतरेस पर ही दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है और यमुना नदी में झाग बरकरार है। तमाम दावों के बावजूद दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स बुधवार की सुबह 300 के पार पहुंच गया। कई इलाकों में AQI 350 के पार भी चल रहा है। वहीं, यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर ज्यादा और पानी की मात्रा कम होने से अभी भी कई जगहों पर नदी में झाग देखी जा सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, बुधवार सुबह 7 बजे अशोक विहार में AQI 351 था। वहीं, वजीरपुर में AQI 327, आनंद विहार में 351, आया नगर में 290 और बवाना में 319 था। यहां यह जानना जरूरी है कि 300 से ज्यादा AQI बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है और इससे हर इंसान को खतरा हो सकता है। इस तरह की हवा में सांस लेने फेफड़े संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में मास्क लगाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

यमुना में कोई सुधार नहीं
हवा के साथ-साथ दिल्ली की प्यास बुझाने वाली यमुना नदी पर झाग की परत अभी भी मौजूद है। कालिंदी कुंद बराज पर आज सुबह भी झाग को मोटी परत देखी गई जो यह स्पष्ट कर रही है कि नदी के प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। यमुना के प्रदूषण को लेकर राजनीतिक दलों की बयानबाजी जारी है और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा यमुना में डुबकी लगाने के बाद बीमार पड़ चुके हैं।
दूसरी तरफ, पराली जलाने के मुद्दे पर भी राजनीति शुरू हो गई है। दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने सोमवार को आरोप लगाए कि पंजाब में पराली जलाने की 108 घटनाएं सामने आई हैं। इसी को लेकर बीजेपी नेताओं ने कपूरथला हाउस के बाहर पंजाब के सीएम भगवंत मान के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी नेताओं के डेलेगेशन ने भगवंत मान से मुलाकात करके उन्हें एक ज्ञापन सौंपने की कोशिश भी की लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
प्रदूषित हवा के चलते दिल्ली के लोगों को सांस से जुड़ी समस्याएं भी हो रही हैं। चिंता की बात यह है कि प्रदूषण का यह स्तर दिवाली से पहले ही आ गया है। दिवाली के बाद इसमें और भी इजाफा हो सकता है। वहीं, छठ से पहले यमुना में प्रदूषण का स्तर छठ करने वाली महिलाओं के लिए चिंता का विषय है। तमाम चिंताओं के बीच दिल्ली के छठ घाटों पर तैयारियां शुरू हो गई हैं।