अमेरिका से वापस भेजे गए अप्रवासी भारतीयों के मामले लेकर संसद में गुरुवार को जोरदार हंगामा हुआ। इस मामले पर एक ओर से सभी विपक्षी पार्टियां संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन करके मोदी सरकार पर हमला कर रही हैं। इसी बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में इस मामले पर सरकार का पक्ष रखा है।

 

जयशंकर ने कहा, 'यह सभी देशों का दायित्व है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए।' बता दें कि संसद में विपक्षी सांसदों ने 'भारत का अपमान नहीं सहेंगे' और 'हिंदुस्तान का ये अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' जैसे नारे लगाए।

 

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करते हुए अमेरिका की सरकार से संपर्क कर रही है कि वहां से वापस आने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।

 

एजेंटों के खिलाफ होगी कार्रवाई

 

जयशंकर ने कहा, 'हमारा ध्यान अवैध आव्रजन इंडस्ट्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासितों ने जो जानकारी दी है उसके आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक कार्रवाई करेंगी।

 

यह पहले भी होता रहा है

 

वहीं, कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के बारे में उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'हम जानते हैं कि कल 104 लोग वापस भारत पहुंचे हैं। हमने ही उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है। हमें ऐसा नहीं समझना चाहिए कि यह कोई नया मुद्दा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो पहले भी होता रहा है।'

 

साथ ही जयशंकर ने कहा कि कानूनी की अवाज को बुलंद करना और अवैध आवाजाही को खत्म करना हमारे सामूहिक हित में है। अगर कोई नागरिक अवैध रूप से विदेश में रह रहा पाया जाता है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। निर्वासन की प्रक्रिया कोई नई नहीं है।'