बीते कुछ सालों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) खूब चर्चा में रहा है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत कई नेताओं, कारोबारियों और मशहूर शख्सियतों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं। अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन और के कविता जैसे नेता PMLA के तहत ही जेल भी जा चुके हैं। अब ईडी ने बताया है कि उसने पिछले 20 सालों में कुल कितने पैसों की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने 2024-25 का भी डेटा जारी है जो बताता है कि इसी साल अब तक 21,370 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसमें से ज्यादातक जब्ती केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ही गई है। आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 82 पर्सेंट जब्ती 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ही हुई है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने PMLA के तहत 31 दिसंबर 2024 तक कुल 1.45 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इसमें से 21,370 करोड़ रुपये इस 2024-25 के वित्त वर्ष में की गई है। बताते चलें कि PMLA को 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था। इसके तहत टैक्स चोरी करने, काला धन जुटाने और मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'पिछले पांच-छह सालों में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कार्रवाई तेज कर दी है। इसके तहत कई शीर्ष नेता, कारोबारी, हवाला से जुड़े लोग, साइबर अधिकारी और तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। अब तक हमने कुल 7403 केस दर्ज किए हैं और 31 दिसंबर 2024 तक कुल जब्ती 1,45,927 करोड़ रुपये की हो चुकी है।'
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कितने गिरफ्तार, कितने दोषी?
ईडी ने बताया है कि जब से PMLA लागू हुआ तब से कुल 911 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से 94 लोगों को 2024-25 के पहले तीन क्वार्टर में ही गिरफ्तार किया गया है। अभी तक PMLA के 44 केस में कुल 100 लोगों को दोषी पाया गया है। इसमें से 36 लोग अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 के बीच ही दोषी करार दिए गए हैं।
ईडी ने यह भी बताया है कि जब्त की गई संपत्ति पर अगर आरोपी का दावा सही पाया जाता है तो उसे वापस कर दिया जाता है। अभी तक 22,737 करोड़ की संपत्ति पर दावा किया गया है जिसमें से अप्रैल 2024 से अब तक 7404 करोड़ की संपत्ति लोगों को लौटा भी दी गई है। जिन लोगों को संपत्ति लौटाई गई है उनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, रोज वैली चिट फंड घोटाला, नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) घोटाला आदि प्रमुख हैं।
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बताते चलें कि ईडी दो आपराधिक कानूनों PMLA और फ्युजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर्स ऐक्ट (FEOA) के तहत वित्तीय अपराधों के मामले में कार्रवाई करती है। FEOA को नरेंद्र मोदी सरकार ने ही साल 2018 में लागू किया था ताकि उन लोगों को भी पकड़ा जा सके जो वित्तीय अपराध करते हैं और देश छोड़कर फरार हो जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, ईडी ने अभी तक FEOA के तहत कुल 23 केस दर्ज किए गए हैं। इसमें से 13 लोगों को भगोड़ा वित्तीय अपराधी भी घोषित किया गया है।