चुनाव आयोग ने तीन बड़े बदलाव किए हैं। पहला- इलेक्टोरल लिस्ट ऑटोमैटिक अपडेट हो सके, इसलिए इसे डेथ रजिस्ट्रेशन के डेटा से जोड़ा जाएगा। दूसरा- BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर को अब नए आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे। और तीसरा- वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप की डिजाइन में सुधार किया जाएगा और इसे पहले से ज्यादा वोटर फ्रेंडली बनाया जाएगा।


इन तीन अहम बदलावों को इस साल मार्च में हुई बैठक में मंजूरी दी गई थी। इस बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी मौजूद थे।

 

क्या हैं यह तीन बदलाव?

अब चुनाव आयोग डेथ रजिस्ट्रेशन से डेटा लेगा, ताकि मृत लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकें। यह सारा काम इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होगा।

  • फायदा क्या?: डेथ रजिस्ट्रेशन का डेटा मिलने से इलेक्टोरल लिस्ट से नाम अपने आप हट जाएंगे। अब तक नाम हटवाने के लिए आवेदन करना होता था या BLO वेरिफाई करते थे। हालांकि, BLO अब भी इसे दोबारा वेरिफाई कर सकेंगे।


चुनाव के वक्त वोटर्स को मिलने वाली वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप (VIS) की डिजाइन को बदला जाएगा। अब इसमें वोटर का सीरियल नंबर और पार्ट नंबर पहले से ज्यादा बड़े अक्षरों में लिखा जाएगा।

  • फायदा क्या?: वोटर स्लिप में सबकुछ बड़ा-बड़ा लिखे होने से वोटर्स को पोलिंग स्टेशन ढूंढने में आसानी होगी। साथ ही पोलिंग ऑफिसर को भी वोटर लिस्ट में वोटर का नाम ढूंढने में आसानी होगी।

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चुनाव ड्यूटी में लगने वाले BLO को एक आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे, जिसमें उनकी तस्वीर भी होगी। यह आईडी कार्ड उन सभी BLO को मिलेंगे, जिनकी नियुक्ति जनप्रतिनिधि कानून के तहत हुई है।

  • फायदा क्या?: इससे BLO की पहचान करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही वोटिंग के दौरान जरूरत पड़ने पर वोटर्स भी BLO को आसानी से पहचान सकेंगे।

इस साल बिहार में होने हैं चुनाव

चुनाव आयोग के यह तीनों बदलाव बिहार चुनाव में देखने को मिल सकते हैं। बिहार में अक्टूबर या नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। 


बिहार में अभी एनडीए की सरकार है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में बीजेपी के 80, जेडीयू के 45 और जीतनराम मांझी की HAM पार्टी के 4 विधायक हैं। वहीं, विपक्ष के पास 107 विधायक हैं। आरजेडी के 77, कांग्रेस के 19 और CPI (ML) के 11 विधायक हैं।