महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में साइबर क्राइम का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां 76 वर्षीय एक डॉक्टर के साथ 28 लाख रुपये की ठगी की गई है। ठगी करने वालों ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया और पीड़ित डॉक्टर को क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी। इसके अलावा जालसाजों ने पीड़ित को बताया कि उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोटिस जारी किया है।
नकली सीबीआई अधिकारी बन डॉक्टर को बनाया निशाना
70 वर्षीय डॉक्टर ने बताया कि 28 नवंबर को जब वह मरीजों की जांच कर रहे थे तभी उन्हें एक व्हाट्सएप कॉल आया। व्हाट्सएप कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई ऑफिसर रवि कुमार बताया और डॉक्टर को चेतावनी दी कि वह सर्विलेंस में है और कभी भी उसकी डिजिटल गिरफ्तारी हो सकती है। कॉल करने वाले ने कहा कि डॉक्टर का नाम क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी में शामिल है। इसके लिए उन्होंने पीड़ित से 20 लाख रुपये चुकाने की मांग की। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट और ED का नोटिस जारी करने का दावा
हालांकि, शिकायतकर्ता ने ऐसे किसी भी मामले में शामिल होने से इनकार किया। लेकिन उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट और ईडी से दो नोटिस जारी किया गया था। खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले धोखेबाज रवि कुमार ने चालाकी चली और डॉक्टर को एक वरिष्ठ नागरिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील देने की पेशकश की।
इसके बाद 'सीबीआई अधिकारी' ने 'सुप्रीम कोर्ट के वकील' के रूप में एक धोखेबाज से कॉल कनेक्ट की और डॉक्टर से चालाकी से सभी वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी मांग ली। जालसाजों ने डॉक्टर को किसी से भी इस केस पर चर्चा करने या किसी से बात करने से मना भी किया। डॉक्टर को हर दो घंटे में एक कॉल का जवाब देने और अपडेट देने के लिए कहा गया। अगले दिन उसे फिर से एक कॉल आया और उसे 28 लाख रुपये खातों में जमा करने के लिए कहा गया।
केस से नाम हटाने के बदले मांगे पैसे
यह रकम केस से नाम हटाने के बदले देने को कहा गया था। शिकायतकर्ता को निर्देश दिया गया कि वह बैंक जाए और फिर 28 लाख रुपये दो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दे। शिकायतकर्ता ने निर्देशानुसार ऐसा किया और कॉल करने वाले को बताया कि उसने ट्रांसफर कर दिया है। इस घटना की जानकारी डॉक्टर के बेटे को लगी जिसके बाद धोखाधड़ी का मामला सामने आया।