गुजरात पुलिस ने नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में चार लोगों समेत भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक मौलिक पटेल को गिरफ्तार किया है। मौलिक इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि नकली नोटों का यह धंधा अहमदाबाद के वटवा इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट से चलाया जा रहा था। घटनास्थल से 50 डॉलर के 151 जाली नोट भी बरामद किए गए है। इन सभी नोट को भारतीय रुपये में बदलने की प्लानिंग थी।
मौलिक पटेल मास्टरमाइंड
36 वर्षीय पटेल को ऑस्ट्रेलिया में अपने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ था जिसके बाद उसने इस योजना को अंजाम दिया। पटेल मूल रूप से गुजरात के पाटन जिले के रहने वाले हैं। वह 20 साल पहले अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया चले गए थे और 2012 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बन गए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अहमदाबाद पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पटेल को अपने परिवहन व्यवसाय में काफी नुकसान हो गया था जिसके बाद उसने भारत में ऑस्ट्रेलियाई डॉलर छापने का विचार बनाया।
इतने लोगों को किया गिरफ्तार
पटेल के अलावा अन्य आरोपियों में 20 वर्षीय ध्रुव देसाई, 24 वर्षीय खुश पटेल और 24 वर्षीय रौनक राठौड़ को पकड़ा है। एसओजी के पुलिस उपायुक्त जयराजसिंह वाला ने बताया कि यह ऑस्ट्रेलियाई डॉलर 40 रुपये प्रति डॉलर की दर से बेच रहे थे, जो बाजार में 54 रुपये प्रति डॉलर के भाव से काफी कम है। यह रकम रौनक राठोड़ बेच रहा था।
शक होने के बाद पुलिस ने राठौड़ पर नजर रखी और उसे 131 नकली नोटों के साथ धर दबोचा। प्रत्येक की कीमत 50 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर थी। पूछताछ के दौरान, रौनक ने अधिकारियों को जानकारी दी जिसके बाद वटवा क्षेत्र में एक अपार्टमेंट पर छापेमारी की गई। यहां उन्होंने तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
नकली नोट बनाने वाली मशीन भी जब्त
पुलिस ने नकली नोट बनाए जाने वाले मशीन भी बरामद किए, जिसमें एक प्रिंटर, ऑस्ट्रेलियाई मुद्रा सामग्री जैसी सफेद प्लास्टिक शीट, एक लैपटॉप और एक कंप्यूटर शामिल है। ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले इंस्पेक्टर एमएस त्रिवेदी ने कहा, 'अपने वित्तीय घाटे से उबरने के लिए, मौलिक पटेल ने ध्रुव देसाई को शामिल किया और साथ मिलकर उन्होंने नकली नोट छापना शुरू कर दिया।'