राजस्थान के झुंझनू की एक अजीब घटना में एक किसान इच्छा मृत्यु यानी यूथेनेशिया की मांग कर रहा था, लेकिन उसको बचाने के लिए जब पुलिस आई तो उसने किसान के ऊपर 9 लाख 91 हजार का जुर्माना लगा दिया।

 

मामला 10 दिसंबर का है जब किसान विद्याधर यादव और उनका परिवार चिता पर बैठ गया और मांग करने लगा कि उसे यूथेनेशिया की अनुमति दी जाए. वे श्री सीमेंट कंपनी द्वारा कथित तौर पर उनकी ज़मीन का मुआवज़ा न दिए जाने को लेकर विरोध कर रहे थे। परिवार को आत्मदाह करने से रोकने के लिए, व्यापक पुलिस बल की तैनाती की गई थी, जिससे काफ़ी खर्चा हुआ।

खर्चे का दिया हवाला

राजस्थान सरकार के एक आदेश का हवाला देते हुए झुंझुनू एसपी शरद चौधरी ने यादव को नोटिस जारी किया। नोटिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के लिए एक सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और दो उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) सहित 99 पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ सरकारी वाहनों का उपयोग करना आवश्यक था। इससे राज्य के खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा।

 

नोटिस में मांग की गई है कि किसान 24 दिसंबर तक एसपी कार्यालय की लेखा शाखा में 9,91,577 रुपये जमा कराएं। यदि राशि का भुगतान नहीं किया गया तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस से सदमे में परिवार

गौरतलब है कि यह पहली बार है जब राजस्थान पुलिस ने इच्छा मृत्यु या आत्मदाह रोकने से जुड़े किसी मामले में ऐसा नोटिस जारी किया है। किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद सीमेंट कंपनी ने पहले 3 करोड़ रुपये का मुआवजा देने पर सहमति जताई थी। हालांकि, नोटिस  के बाद विद्याधर यादव और उनका परिवार को सदमे में है।

 

एसपी चौधरी ने बताया कि नोटिस नियमों के तहत जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि किसान को नोटिस का पालन करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है और अगर राशि जमा नहीं कराई गई तो कार्रवाई की जाएगी।