'दिल्ली चलो' आंदोलन की तैयारी में शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान फिलहाल रुके हुए हैं। किसान नेताओं का कहना है कि आज यानी शनिवार को वे दिल्ली कूच की कोशिश नहीं करेंगे। किसानों का कहना है कि वे इंतजार कर रहे हैं कि सरकार बातचीत करेगी। शनिवार को दिनभर वे बातचीत का इंतजार करेंगे। अगर शनिवार को सरकार की ओर से बातचीत का प्रयास नहीं होता है तो रविवार को फिर से दिल्ली की ओर कूच किया जाएगा। इस सब में हरियाणा पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति के वह किसानों को आगे नहीं जाने देगी। वहीं, किसानों का कहना है कि उसके 101 प्रतिनिधि पैदल ही दिल्ली जाना चाहते हैं। शुक्रवार को किसानों ने दिल्ली जाने की कोशिश की थी लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।

 

यह आंदोलन किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की ओर से किया जा रहा है। इन किसानों की मांग है कि MSP की कानूनी गारंटी दी जाए, किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं, लखीमपुर हिंसा में प्रभावित किसानों को न्याय दिलाया जाए और बिजली बिल में राहत दी जाए। किसानों का कहना है कि वे दिल्ली जाकर अपनी बात रखना चाहते हैं। हालांकि, हरियाणा के अंबाला जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है और किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है।

 

इस मोर्च के बारे में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है, 'हमारा दिल्ली आंदोलन 299 दिन से चल रहा है। कल 300 दिन पूरे हो जाएंगे। खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल 12वें दिन तक पहुंच गई है। केंद्र सरकार किसानों से बात करने के मूड में ही नहीं है। चाहे यह NDA सरकार हो या फिर INDIA गठबंधन की सरकार हो, किसान इन दोनों से ही खुश नहीं हैं। हम लोग पंजाब की सरकार से भी खुश नहीं हैं।'

जबरदस्त है तैयारी

 

हरियाणा के अंबाला जिले में पड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने जबरदस्त किलेबंदी कर रखी है। सड़क पर कीलें लगा दी गई हैं और बैरियर लगाकर रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, जालियां लगाकर पुलिस के जवानों के खड़े होने का पक्का इंतजाम किया गया है। वहीं पर भारी मात्रा में वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों को भी इंतजाम किया गया है। स्थिति बिगड़ने न पाए इसलिए बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती भी की गई है।

 

सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि शंभू बॉर्डर पर बैरियर लगा देने और किसानों को रोक देने की वजह से काफी दूर तक किसानों के ट्रैक्टर रोड पर ही रुक गए हैं। किसान वहीं पर रुके हुए हैं और वहीं पर खाना-पीना भी चल रहा है। जिस तैयारी से किसान शंभू बॉर्डर पहुंचे हैं उससे यही लग रहा है कि इस बार का किसान आंदोलन शंभू बॉर्डर पर ही लंबा चल सकता है।