11 मई की रात नियंत्रण रेखा (LoC) पर 19 दिनों में पहली बार शांतिपूर्ण रही, जिसमें कोई हवाई हमले या गोलीबारी नहीं हुई। यह शांति भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद आई, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से चले आ रहे तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हुई। सेना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में कोई घटना दर्ज नहीं की गई। पुंछ के सुरनकोट जैसे क्षेत्रों में सामान्य स्थिति धीरे-धीरे बहाल होने लगी है। 

 

जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी, अखनूर, उधमपुर, कुपवाड़ा में सीजफायर के बाद स्थिति सामान्य हो रही है। 11 मई की रात को कोई गोलीबारी या ड्रोन गतिविधि नहीं दर्ज की गई, जो 19 दिनों में पहली शांतिपूर्ण रात थी। बाजार खुल गए हैं और लोग अपने रोजाना कामों में लौट रहे हैं। हालांकि, उरी में सीजफायर की घोषणा के कुछ घंटों बाद उरी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की खबर आई थी लेकिन अब हालात स्थिर हैं।

पंजाब में कैसा माहौल?

श्रीनगर की बात करें तो यहां भी जनजीवन सामान्य हो रहा है और पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर चिंताएं कम हो रही हैं। पंजाब के फिरोजपुर, पठानकोट में सीमावर्ती इलाकों में शांति है। रात के समय कोई ड्रोन या गोलीबारी की घटना नहीं हुई। लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और बाजारों में रौनक लौट आई है।

राजस्थान में कैसे हालात?

राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर में सीजफायर के बाद हालात सामान्य हैं। बाजार खुल गए हैं और सड़कों पर चहल-पहल है। 27 रद्द की गई ट्रेनें बहाल हो गई हैं। लोगों में राहत का माहौल है। हालांकि, पहले की भारी गोलीबारी से हुए नुकसान की यादें बाकी हैं।

 

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सीमा पर सामान्य माहौल

सीजफायर के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत 12 मई यानी आज होने वाली है, जो शांति को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों में पाकिस्तान की ओर से बार-बार उल्लंघन की घटनाओं को लेकर गुस्सा और अविश्वास बना हुआ है। फिर भी, सामान्य जनजीवन पटरी पर लौट रहा है और लोग लंबे समय तक शांति की उम्मीद कर रहे हैं।

 

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आज होगी भारत-पाक DGMO के बीच अहम बातचीत

10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को फोन कर शांति बनाए रखने की पहल की थी। इसी बातचीत के बाद सीजफायर को लेकर चर्चा आगे बढ़ी, जिसमें बाद में अमेरिका ने भी मध्यस्थता की भूमिका निभाई और बातचीत की घोषणा की। तय कार्यक्रम के अनुसार, 12 मई को दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच औपचारिक वार्ता होनी है। आज होने वाली इस बातचीत पर न सिर्फ दोनों देशों, बल्कि पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।