महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर शुक्रवार को गढ़चिरौली में पुलिस के साथ मुठभेड़ में चार माओवादियों को मार गिराया। गढ़चिरौली पुलिस के मुताबिक हाल ही में खोले गए FOB कवांदे के पास महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर माओवादी समूहों की मौजूदगी की पक्की खुफिया जानकारी मिलने के बाद, एडिशनल SP रमेश के नेतृत्व में 12 C60 दस्तों (300 कमांडो) और CRPF की एक टुकड़ी के साथ गुरुवार दोपहर को कवांदे और नेलगुंडा से इंद्रावती नदी के किनारे की ओर ऑपरेशन शुरू किया गया, जहां भारी बारिश हो रही थी।

 

पुलिस ने आगे कहा, ‘आज सुबह माओवादियों ने C60 कमांडो पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू की, जिसका जवाबी हमला सुरक्षा बलों ने किया। लगभग दो घंटे तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जिसमें चार माओवादी मारे गए।’

 

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लाल आतंक को खत्म करने का हिस्सा

यह मुठभेड़ सरकार द्वारा 'लाल आतंक' को खत्म करने के प्रयास का हिस्सा है। यह घटना छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हाल ही में हुई एक बड़ी कामयाबी के बाद हुई है। इस ऑपरेशन में बसवराजु के नाम से जाने जाने वाले माओवादी नेता नंबाला केशव राव और 26 अन्य कट्टर कम्युनिस्ट गुरिल्ला मारे गए थे।

 

70 वर्षीय बसवराजु कुछ सबसे घातक माओवादी हमलों का मास्टरमाइंड था, जिसमें 2010 में 75 CRPF जवानों की हत्या और 2013 में झीरम घाटी नरसंहार शामिल था, जिसमें 29 लोग मारे गए थे। इनमें राज्य के कई कांग्रेस नेता भी शामिल थे।

 

बसवराजु की हुई थी हत्या

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के महासचिव बसवराजु की हत्या से संगठन न केवल नेतृत्वविहीन हो गया, बल्कि इसके मुख्य सैन्य रणनीतिकार को भी खत्म कर दिया, जो अपनी तकनीकी विशेषज्ञता, ऑपरेशनल योजना और हिंसक स्वभाव के लिए जाना जाता था।

 

सरकार द्वारा मार्च 2026 तक लाल आतंक को खत्म करने की समय सीमा से 10 महीने पहले ‘बसवराजु की हत्या’ होना दिखाता है कि इस टारगेट को जल्दी ही पाया जा सकता है।

 

पीएम मोदी ने की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा बलों की ‘उल्लेखनीय सफलता’ की सराहना की, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे सरकार की नक्सल-विरोधी मुहिम में ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ बताया।

 

बसवराजु की हत्या 19 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के त्रि-जंक्शन पर स्थित घने अभुजमद जंगलों में शुरू किए गए एक बड़े ऑपरेशन का परिणाम है। 21 मई को सुरक्षा बलों और माओवादी लड़ाकों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें 27 नक्सलियों की मौत हो गई।