साहित्य अकादेमी ने साल 2024 के पुरस्कारों का ऐलान आज कर दिया है। इस बार हिंदी में कवयित्री गगन गिल को साहित्य अकादेमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा। अंग्रेजी में यह पुरस्कार ईस्टरिन किरे ने जीता है। गगन गिल को यह पुरस्कार उनकी रचना 'जब तक मैं आई बाहर' के लिए दिया जाएगा। 21 भाषाओं के लिए जो पुरस्कार दिए जा रहे हैं उनमें 8 कविता संग्रह, 3 उपन्यास, दो कहानी संग्रह, 3 निबंध, तीन साहित्यिक आलोचना, एक नाटक और एक शोध पुस्तक शामिल हैं।

 

साहित्य अकादेमी के सचिव श्रीनिवास राव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन पुरस्कारों की अनुशंसा इन भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई। साथ ही, साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित अकादेमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में आज इन्हें अनुमोदित किया गया। इन किताबों का चयन तीन सदस्यों की निर्णायक समिति ने किया है। बता दें कि इस पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाती है। ये पुरस्कार 8 मार्च 2025 को दिए जाएंगे। फिलहाल इनका ऐलान किया गया है।

 

किन-किन लोगों को मिलेगा पुरस्कार?

 

कविता में गगन गिल के अलावा गुजराती कविता के लिए दिलीप झावेरी, असमी के लिए समीर टांटी, मणिपुरी के लिए हाओबाम सत्यवती देवी, पंजाबी के लिए पॉल कौर, राजस्थानी के लिए मुकुट मणिराज, मलयालम के लिए के जयकुमार और संस्कृत के लिए दीपक कुमार शर्मा की रचनाओं को चुना गया है।

 

उपन्यास श्रेणी में इस बार बोडो भाषा के लिए अरोन राजा, अंग्रेजी के लिए ईस्टरिन किरे और कश्मीरी के लिए सोहल कौल की रचनाओं को चुना गया है। लघुकथा में नेपाली भाषा के युवा बराल और सिंधी भाषा के हुंदराज बलवानी को चुना गया है। नाटक के लिए संथाली भाषा के लेखक महेश्वर सोरेन के नाटक को चुना गया है। वहीं, रिसर्च में तमिल लेखक ए आर वेकंटचलापती का नाम चुना गया है।