गुजरात के खेड़ा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। यहां एक सरकारी प्राथमिक बालिका विद्यालय के परिसर में क्लास 7वीं के कम से कम 17 छात्राओं को बंद कर दिया गया था। घटना के कुछ दिनों बाद अब जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले के संबंध में एक छात्रा के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई है। 

 

दरअसल, घटना 10 दिसंबर को खेड़ा जिले के स्कूल नवगाम प्राथमिक बालिका विद्यालय में हुई। शिक्षकों ने यह पता लगाए बिना कि शाम 5 बजे छुट्टी के दौरान सभी छात्राएं कक्षाओं से बाहर निकली हैं या नहीं, परिसर को  बंद कर दिया और चले गए। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, शिक्षकों ने परिसर को बंद करने के समय कक्षा सात की लगभग 17 छात्राओं को अदंर ही लॉक कर दिया था। उन्हें पता ही नहीं चला कि बच्चे स्कूल से बाहर निकले है भी या नहीं।

 

10 दिसंबर की घटना, स्कूल में कैसे बंद हुए छात्राएं

एक अधिकारी ने कहा, 'एक अभिभावक से प्राप्त शिकायत के अनुसार, 10 दिसंबर को शाम 5 बजे पांच शिक्षकों ने सभी कक्षाओं की जांच की ही नहीं और परिसर पर ताला लगाकर चले गए। जबकि पहली मंजिल पर स्थित कक्षा सात की लगभग 17 छात्राएं अपनी कक्षा से बाहर नहीं निकली थीं।'

 

अधिकारी ने बताया कि जब ये छात्र गेट पर आए तो उन्हें पता चला कि गेट बंद है। इसके बाद छात्रों ने शोर मचाया और मदद के लिए चिल्लाने लगे, जिसके बाद स्थानीय निवासी मौके पर पहुंचे। स्कूल में बंद छात्रों में से एक के माता-पिता ने कहा, 'इस स्थिति के कारण बच्चे और उनके माता-पिता दोनों घबरा गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शिक्षक जल्दी में थे और उन्होंने कक्षाओं की जांच करना जरूरी नहीं समझा। सौभाग्य से, बच्चे साथ थे और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।'

 

शिक्षकों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी

स्कूल की प्रधानाध्यापिका भागीरथी प्रजापति ने कहा कि मामले के संबंध में शिक्षकों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया है। प्रजापति ने कहा, 'हमने शिक्षकों से इस गैर-जिम्मेदाराना कृत्य के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। जब ​​वे अपना पक्ष रखेंगे तो हम आवश्यक कार्रवाई शुरू करेंगे।' इस बीच, खेड़ा जिला शिक्षा अधिकारी कमलेश वाघेला ने डीपीईओ को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।