2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। शुक्रवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2047 तक 140 करोड़ देशवासी विकसित भारत का संकल्प पूरा करेंगे। इसके बाद बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि ये बजट 2047 तक विकसित भारत बनाने पर फोकस है।
2047 तक 'विकसित भारत' बनाने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2022 को कही थी। तब उन्होंने कहा था कि अगले 25 साल में भारत को विकसित देश बनाने उनका सपना है।
बजट सत्र में पेश आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अगर 2047 तक विकसित भारत बनाना है तो अगले दो दशकों तक हर साल कम से कम सालाना 8 फीसदी की विकास दर बनाए रखना जरूरी है।
एक विकसित देश क्या होता है?
एक ऐसा देश, जहां की अर्थव्यवस्था दुनिया में बहुत बड़ी है। ऐसा देश जहां रहने वालों की लाइफस्टाइल बेहतरीन हो। यहां के लोगों के पास नौकरियां हों, अच्छा काम हो, अच्छी कमाई हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो, टेक्नोलॉजी में आगे हों। ऐसा देश जहां रहने वालों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा मिलती हो, उसे विकसित देश माना जाता है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक, दुनियाभर में अभी करीब 40 देशों को विकसित देश माना जाता है। पहले भारत विकासशील देशों में गिना जाता था लेकिन 2016 में वर्ल्ड बैंक ने ये दर्जा वापस ले लिया था। भारत अब लोअर-मिडिल इनकम कंट्रीज में गिना जाता है। यानी, भारत उन देशों में शामिल है जहां हर व्यक्ति की कमाई बहुत कम है।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, जिन देशों में सालाना प्रति व्यक्ति आय 1,046 डॉलर से 4,095 डॉलर के बीच है, उन्हें लोअर-मिडिल इनकम कंट्रीज में शामिल किया गया है। वर्ल्ड बैंक की मानें तो भारत में प्रति व्यक्ति आय 2,480 डॉलर है।
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विकसित देश का पैमाना क्या?
1. GDP: जिस देश की GDP जितनी ज्यादा होगी, वो उतना ज्यादा विकसित माना जाएगा। अभी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है। IMF के मुताबिक, अमेरिका की GDP 30.34 ट्रिलियन डॉलर है। भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की GDP 4.27 ट्रिलियन डॉलर है।
2. प्रति व्यक्ति आयः विकसित देश का दूसरा बड़ा पैमाना प्रति व्यक्ति आय है। क्योंकि जितनी ज्यादा आमदनी होगी, लाइफस्टाइल भी उतनी ही अच्छी होगी। अमेरिका की सालाना प्रति व्यक्ति आय 82,769 डॉलर है। भारतीय करंसी में ये रकम 72.11 लाख रुपये होती है। जबकि, भारत में हर व्यक्ति की सालाना आमदनी 2 लाख रुपये है।
3. इंडस्ट्रियलाइजेशनः जिस देश में जितना इंडस्ट्रियलाइजेशन यानी औद्योगिकीकरण होगा, वहां उतना विकास होगा। भारत तेजी से मैनुफैक्चरिंग का हब बनकर उभर रहा है। अभी GDP में मैनुफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 17% है। जबकि, चीन की GDP में मैनुफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 34% के आसपास है। मैनुफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियलाइजेशन से एक्सपोर्ट मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ती है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, अभी ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 1.79% के आसपास है। जबकि चीन की हिस्सेदारी 13 फीसदी से ज्यादा है।
4. बुनियादी जरूरतेंः इसे संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स से माप सकते हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों पर देशों की रैंकिंग की जाती है। रैंकिंग 0 से 1 के स्केल पर होती है। जितना ज्यादा स्कोर, वहां उतना अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और लोगों की लाइफस्टाइल अच्छी मानी जाती है। आखिरी रैंकिंग 2022 में आई थी। इसमें भारत 193 देशों की लिस्ट में 134वें नंबर पर था। भारत का स्कोर 0.644 था। इसी लिस्ट में चीन 75वें और अमेरिका 20वें नंबर पर था।
5. गरीबीः विकसित देशों में गरीबी बहुत कम होती है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति दिनभर में 2.15 डॉलर (करीब 187 रुपये) कमा रहा है तो वो गरीब माना जाएगा। भारत में गरीबी की परिभाषा अलग है। भारत में गरीबी के आखिरी आंकड़े 2011-12 के हैं। तब भारत की 22 फीसदी आबादी यानी 27 करोड़ लोग गरीब थे। हालांकि, दावा है कि मोदी सरकार में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। चीन की लगभग 4 फीसदी आबादी ही गरीब है। अमेरिका की 11 फीसदी आबादी गरीबी में जीती है।
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क्या भारत बनेगा विकसित देश?
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनना है तो उसे अगले 20 साल तक हर साल 8 फीसदी की विकास दर हासिल करनी होगी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अक्टूबर 2024 में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है। 2029-30 तक 6.3 ट्रिलियन डॉलर पहुंच सकती है। इस हिसाब से 2024-25 से 2029-30 तक भारत की हर साल की GDP ग्रोथ रेट 10.2% हो सकती है।
हालांकि, फिलहाल भारत की आर्थिक विकास दर थोड़ी धीमी है। 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ग्रोथ रेट सिर्फ 5.4% रही है। ये RBI के अनुमान से कम है। RBI ने 7% ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में अनुमान से कम रही थी।
हाल ही में, RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी में 2024-25 में GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है। इस बीच सरकार ने भी आर्थिक सर्वे में ग्रोथ रेट 6.4% के आसपास रहने की उम्मीद जताई है।