8 मार्च को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। ऐसे मौके पर महिलाओं के हक और अधिकार से संबंधित बहुत सारी बातें होती हैं और उनसे जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इस साल भी यह दिन भारत समेत दुनियाभर के देशों में मनाया जा रहा है। भारत के लिए यह बेहद अहम है क्योंकि समय के साथ भारत में महिलाओं की स्थिति में सुधार के दावे किए जा रहे हैं। भारत में महिलाओं को संसद में आरक्षण देने वाला बिल भी पास किया जा चुका है। इसके जरिए महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण दिया जाएगा। हालांकि, यह काम नए सिरे से परिसीमन होने के बाद ही धरातल पर उतर पाएगा।

 

महिला दिवस के इस मौके पर हमने यह समझने की कोशिश की है कि मौजूदा समय में भारत में महिलाओं की स्थिति क्या है। इसके लिए हमने देश की संसद, केंद्रीय सचिवालय, अहम मंत्रालयों और कई अन्य बड़े पदों पर तैनात महिलाओं की संख्या गिनने की कोशिश की है। इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की है कि मौजूदा समय में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कितना है और बिना आरक्षण के वे किस हद तक बड़े पदों तक पहुंच पा रही हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

 

मौजूदा समय में देश की प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू हैं। देश की लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के सभापति यानी देश के उपराष्ट्रपति पुरुष हैं। देश के प्रधानमंत्री पुरुष हैं। भारत में महिला सांसदों की बात करें तो मौजूदा समय में लोकसभा के 543 में से 74 महिला सांसद हैं। राज्यसभा में 38 महिला सांसद हैं। वहीं, दो नामित महिला सांसद भी हैं। 

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में क्या हाल?

 

देश की न्याय व्यवस्था का सर्वोच्च संस्थान सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट हैं। मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत कुल 32 जज हैं। इनमें सिर्फ दो ही महिलाएं जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी हैं। सुप्रीम कोर्ट के अलावा देश में कुल 25 हाई कोर्ट हैं। इन 25 में से सिर्फ एक हाई कोर्ट यानी गुजरात हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ही महिला हैं, बाकी के 24 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पद पर मौजूदा समय में पुरुष तैनात हैं। हालांकि, इन हाई कोर्ट में कई महिला जज जरूर मौजूद हैं।


मंत्रालयों में कितनी महिला सेक्रेटरी?

 

केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग की आधिकारिक लिस्ट के मुताबिक, 3 मार्च 2025 तक केंद्र सरकार में कुल 90 अधिकारी सेक्रेटरी रैंक पर तैनात थे। इनमें कुल 9 वैज्ञानिक हैं। 9 वैज्ञानिकों में सिर्फ एक महिला हैं। बाकी के 81 अधिकारियों में IAS, IPS, IFS और ILS अधिकारी हैं। इन 81 में सिर्फ 18 ही महिला अधिकारी हैं। 

 

सुरक्षाबलों में क्या है हाल?

 

मौजूदा समय में मेघालय की डीजीपी इदाशिशा नोंगरांग इकलौती महिला डीजीपी हैं। यानी कुल 28 राज्यों के पुलिस प्रमुखों में इदाशिशा ही इकलौती महिला हैं। केंद्रीय सुरक्षा बलों की बात करें तो CRPF, CISF, SSB, ITBP, असम राइफल्स, BSF और एनएसजी के चीफ पुरुष हैं। मौजूदा समय में तीनों सेनाओं के मुखिया भी पुरुष ही हैं।

 

केंद्रीय एजेंसियों की बात करें तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, सीबीआई, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), RAW, प्रवर्तन निदेशालय, मुख्य चुनाव आयुक्त, CAG, CVC, मुख्य आर्थिक सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी पुरुष ही हैं।


केंद्र सरकार में कितनी महिलाएं?

 

मौजूदा समय में केंद्र सरकार में कुल 30 कैबिनेट मंत्री हैं। इन 30 में सिर्फ दो महिलाएं निर्मला सीतारमण और अनुप्रिया पटेल ही हैं। कुल 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं जिनमें एक भी महिला नहीं है। कुल 41 राज्यमंत्री हैं। इनमें भी सिर्फ 4 ही महिलाएं हैं।  

सीएम और राज्यपाल

 

मुख्यमंत्री और राज्यपाल की बात करें तो 28 राज्यों के अलावा तीन केंद्र शासित प्रदेशों में भी विधानसभा है। इन 31 में से सिर्फ दो राज्यों पश्चिम बंगाल और दिल्ली में ही महिला मुख्यमंत्री हैं। राज्यपाल की बात करें तो मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में आनंदी बेन पटेल ही इकलौती महिला राज्यपाल हैं।

 

4 मार्च 2025 तक की लिस्ट के मुताबिक, झारखंड में अल्का तिवारी, कर्नाटक में डॉ. शालिनी रजनीश, केरल में शारदा मुरलीधरन, महाराष्ट्र में सुजाता सौनिक, तेलंगाना में ए शांति कुमारी और उत्तराखंड में राधा रतुरी ही महिला चीफ सेक्रेटरी हैं। यानी कुल 28 राज्यों में सिर्फ 6 में ही महिला चीफ सेक्रेटरी हैं। केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो आठों में पुरुष चीफ सेक्रेटरी हैं। यानी कुल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 36 में से सिर्फ 6 चीफ सेक्रेटरी महिला हैं।