भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में इजाफे की जरूरत है। स्क्वॉड्रन  बढ़ाने से लेकर विमानों को अपग्रेड करने तक, वायुसेना की 'एंपावर कमेटी' ने कई सुझाव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई है। वायुसेना की समिति ने मांग की है कि अब भारत को रक्षा क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भर होने की जरूरत है।

 एंपावर कमेटी की रिपोर्ट रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सौंपी है। समिति में कहा है कि प्राइवेट क्षेत्रों को भी डिफेंस उपकरण बनाने का मौका दिया जाए, जिससे वायुसेना को सही समय पर अत्याधुनिक हथियार मिलें। 

एंपावरमेंट कमेटी ने उन क्षेत्रों का जिक्र किया है, जहां ज्यादा काम की जरूरत है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में वायुसेना, DRDO, रिसर्च और डेवलेपमेंट से जुड़े अधिकारी भी शामिल रहे हैं। क्या कहती है यह रिपोर्ट, आइए जानते हैं- 

42 स्क्वॉड्रन की जरूरत, सिर्फ 31 हैं
भारतीय वायुसेना में 31 फाइटर स्क्वॉड्रन हैं, 42.5 स्क्वॉड्रन की मंजूरी भारत को मिल चुकी है। भारतीय वायुसेना को लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट Mk1A भी समय से नहीं मिल पाया है।

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वायुसेना को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की जरूरत है। (Photo Credit: IAF)

1 क्वार्डन में कितने फाइटर जेट होते हैं?
आमतौर पर 1 स्क्वॉड्रन में 18 फाइटर जेट होते हैं। भारत में 31 स्क्वॉड्रन हैं। भारत को कम से कम 42 स्क्वॉड्रन सैंशन हो चुका है। आसान भाषा में समझें तो देश के पास अभी 558 के आसपास फाइटर जेट्स हैं, जरूरत 756 विमानों की है। 

जो हैं वे इस दशक में बेकार हो जाएंगे
कई फाइटर जेट इतने पुराने हो गए हैं कि उन्हें अपडेट भी नहीं किया जा सकता। जगुआर, MIG-29UPG और मिराज-2000 भी अब चलन से बाहर हो जाएंगे। इनके अपडेशन में जोखिम ज्यादा है।

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वायु सेना कई विमानों को अपग्रेड करने पर विचार कर रही है। (Photo Credit: IAF)

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की है जरूरत
अभी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट Mk2 भी भारत को नहीं मिल पाया है। ये मल्टीरोल फाइटर जेट हैं, जो सेना के लिए बेहद अहम हैं।  तेजस के ज्यादा प्रोडक्शन की जरूरत है। तेजस को भी अपडेट करने की जरूरत है, जिसमें शक्तिशाली इंजन, घातक हथियार को फिट किया जा सके। वायुसेना की समिति ने इस बात पर भी जोर दिया है कि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) जल्द मुहैया कराए जाएं। 

भारतीय वायु सेना। (Photo Credit: PTI)

हर साल एयफोर्स को चाहिए 40 फाइटर जेट
भारत को हर साल कम से कम 35 से 40 फाइटर जेट हर साल चाहिए। भारत के स्क्वॉड्रन अभी बड़ी चुनौतियों से निपटने में नाकाफी हैं। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह खुद कह चुके हैं कि अगर हर साल 35 से 40 फाइटर जेट वायुसेना को मिलें, तब जाकर ये किल्लत दूर होगी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने वादा किया था कि 24 तेजस मार्क-1A अगले साल तक मिल जाएंगे। कंपनी ने वादा किया है कि 12 LCA-MK1A मिल जाएंगे।

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भारतीय वायुसैनिक। (Photo Credit: PTI)

दुनिया की तुलना में कहां खड़ा है भारत?
ग्लोबल फायर पावर 2025 ने दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं की सूची जारी थी। अमेरिका सबसे ताकतवर देश है लेकिन भारत भी टॉप 4 देशों की लिस्ट में शुमार है। अमेरिका के पास 13,043 एयक्राफ्ट, रूस के पास 4292, चीन के पास 3,309 एयरक्राफ्ट और भारत के पास 2229 एयरक्राफ्ट हैं।

भारत सबसे ताकतवर देशों में शुमार है लेकिन भारत की सामरिक चुनौतियां भी ज्यादा हैं। बांग्लादेश, पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका जैसे देशों के बीच भारत के सामने बड़ी चुनौती है।  पाकिस्तान भी ताकतवर देशों की सूची में 7वें पैदान पर है।