कभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी में पढ़ाई करने वाले बच्चों को लेकर ये मान लिया जाता था कि उनकी नौकरी 100 फीसदी लग जाएगी। मगर, अब यह भ्रम टूट गया है। कम से कम आंकड़े को इसी ओर इशारा कर रहे हैं। 

 

दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर के आईआईटी संस्थानों में होने वाली प्लेसमेंट को लेकर पहली बार आंकड़ें जारी किए हैं। देश के 23 आईआईटी में से आधे से ज्यादा में बीटेक छात्रों का प्लेसमेंट 2021-22 की तुलना में 2023-24 में 10 फीसदी तक कम हो गया है।

 

संसदीय स्थायी समिति को दी जानकारी

 

केंद्र सरकार ने शिक्षा, महिला एवं बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति को जानकारी दी है। इसी में सरकार ने बताया है कि आईआईटी (BHU) वाराणसी को छोड़कर, 23 में से 22 आईआईटी में 2021-22 की तुलना में 2023-24 में प्लेसमेंट में भारी गिरावट देखी गई है।

 

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कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति ने उच्च शिक्षा विभाग की अपनी रिपोर्ट में कहा कि साल 2021-22 और 2023-24 के बीच आईआईटी और आईआईआईटी में प्लेसमेंट में गिरावट दर्ज की गई है।

 

किस आईआईटी में कितनी गिरावट?

 

आईआईटी मद्रास में 12 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा आईआईटी बॉम्बे में लगभग 13 फीसदी, आईआईटी कानपुर में 11 फीसदी और आईआईटी दिल्ली में लगभग 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 2021-22 में आईआईटी वाराणसी में 83.15 फीसदी छात्रों की ही प्लेसमेंट मिली। आईआईटी गोवा में 98.65 फीसदी बच्चों की नौकरी लगी है। वहीं, 23 में से 14 आईआईटी में 90 फीसदी से ज्यादा प्लेसमेंट हुए हैं।

 

आईआईटी जोधपुर प्लेसमेंट देने में अव्वल

 

वहीं, साल 2023-24 में केवल तीन आईआईटी जोधपुर, पटना और गोवा में  90 फीसदी से ज्यादा प्लेसमेंट हुआ है। इसमें भी आईआईटी जोधपुर में सबसे ज्यादा 92.98 फीसदी और आईआईटी धारवाड़ में सबसे कम 65.56 फीसदी प्लेसमेंट हुई। धारवाड़ में  2021-22 में 90.20 फीसदी तक प्लेसमेंट हुई थी। देश के सबसे पुराने आईआईटी खड़गपुर में सबसे कम गिरावट 2.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।