डेंगू दुनियाभर के 103 देशों में फैला है। हर साल 39 करोड़ से अधिक मामले सामने आते हैं। विश्व के 70 फीसदी मामले सिर्फ एशिया से होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अभी सिर्फ एक ही डेंगू का टीका है। अब भारत डेंगू वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल पूरा करने के करीब है। अक्टूबर महीने में तीसरे चरण के परीक्षण पूरा होने की संभावना है। देश के 18 राज्यों के 19 शहरों में 10335 से अधिक व्यक्तियों ने परीक्षण में हिस्सा लिया।

 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक टीके का विकास पैनेशिया बायोटेक नाम की भारतीय कंपनी ने किया है। इसका नाम  डेंगीऑल है। टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन को अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने विकसित किया। भारत की तीन कंपनियों को यह स्ट्रेन मिला है। वैक्सीन बनाने के क्रम में पैनेशिया बायोटेक सबसे आगे है। साल 2018-19 में वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल हुआ। इसमें आठ हजार लोगों ने हिस्सा लिया था और परीक्षण सफल रहा। पिछले साल अगस्त में हरियाणा के रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू किया गया।

 

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अब तक 8 हजार लोगों में ट्रायल

भारत में हर साल डेंगू के हजारों मामले सामने आते हैं। कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। अभी तक देश में डेंगू का कोई टिका मौजूद नहीं है। अब वैक्सीन के ट्रायल के तहत चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, पुणे और भुवनेश्वर समेत देश के 19 शहरों में आठ हजार लोगों को डेंगीऑल टीका दिया गया है। यह टीका वन शॉट वैक्सीन है।

 

इन संस्थानों की निगरानी में ट्रायल

  • आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी एंड एड्स रिसर्च (पुणे) 
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (चेन्नई)
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे)
  • पैनेशिया बायोटेक
  • आईसीएमआर क्लीनिकल ट्रायल की फंडिंग कर रहा है

अभी तक कोई चिंता की बात नहीं

चेन्नई स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के निदेशक डॉ. मनोज मुरहेकर का कहना है कि दो चरणों के ट्रायल में कोई सुरक्षा संबंधी चिंता सामने नहीं आई है। तीसरे चरण में शामिल प्रतिभागियों का दो साल तक अनुवर्ती परीक्षण किया जाएगा। ट्रायल में इस टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन के असर का मूल्याकन किया जाएगा।

 

डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित 30 देशों की सूची में भारत

भारत डेंगू की सबसे अधिक मार झेलने वाले टॉप 30 देशों की सूची में शामिल है। साल 2024 में भारत में डेंगू के 230,000 से ज्यादा मामले सामने आए थे और 236 लोगों की मौत हुई थी। डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप 1 से 4 तक होते हैं। भारत में चारों सीरोटाइप के मामले सामने आ चुके हैं। दुनियाभर में पहले भी टीका बनाने की कोशिश की गई है। मगर दिक्कत यह आती है कि एक वैक्सीन चारों सीरोटाइप में असरकारी होगी या नहीं। भारत में विकसित की जा रही नई वैक्सीन चारों सीरोटाइप पर काम करेगी। भारत के अलावा बांग्लादेश, नेपाल, चीन, म्यांमार और लाओस जैसे देशों में डेंगू का प्रकोप साल दर साल बढ़ता जा रहा है।

दुनियाभर में अभी एक वैक्सीन: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक अभी दुनिया में क्यू-डेंगा (TAK-003) नाम से डेंगू का सिर्फ एक टीका ही उपलब्ध है। जहां डेंगू के अधिक मामले होते हैं, वहां यह टीका 6 से 16 साल तक के बच्चों को दिया जाता है। तीन महीने में बच्चों को दो बार वैक्सीन लगाई जाती है। 35 से अधिक देशों में यह वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का लक्ष्य 2026 तक देश की जनता को डेंगू वैक्सीन उपलब्ध कराने का है। हैदराबाद स्थित कंपनी बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड देश में लगभग 50 मिलियन क्यू-डेंगा वैक्सीन का उत्पादन करेगी।

 

कौन-कौन सी डेंगू वैक्सीन हो रहीं तैयार?

  • डेंगवैक्सिया वैक्सीन 60 फीसदी तक की प्रभावकारी है। इस वैक्सीन को साल 2015 में क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दी गई। मगर इससे गंभीर डेंगू संक्रमण का खतरा देखा गया। खासकर नौ साल से छोटे बच्चों में। 
  • क्यू-डेंगा वैक्सीन 80 फीसदी प्रभावकारी है। हालांकि यह डेंगू के DENV-3 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाया।
  • बुटानटन-DV वैक्सीन का अब भी क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है।

 

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दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के मामले

साल 2023 में दुनियाभर में डेंगू के 65 लाख मामले सामने आए। 6800 से अधिक लोगों की मौत हुई। सबसे अधिक 39 लाख मामले दक्षिण अमेरिका में सामने आए थे। एशिया में मरने वालों की संख्या अधिक थी। अगर देश की बात करतें तो 2023 में 31 लाख डेंगू के मामले ब्राजील में सामने आए थे। वहीं बांग्लादेश में सबसे अधिक 1705 लोगों की मौत हुई थी। 2024 में 76 लाख मामले सामने आए थे। यूरोपीय रोग निवारण एवं नियंत्रण केंद्र के मुताबिक 2025 में अभी तक 90 देशों में 30 मिलियन से अधिक डेंगू के केस रिपोर्ट किए गए हैं और 1400 से अधिक लोगों की जान गई है।