इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रहा है। विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ईरान की राजधानी तेहरान से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर रहा है। इसके अलावा मंत्रालय भारतीयों की सलामती के लिए अन्य विकल्पों के बारे में भी विचार कर रहा है।
दरअसल, कश्मीर के कुछ छात्र ईरान में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन इजरायल से जंग छिड़ने के बाद भारतीय छात्रों के अभिभावकों ने रविवार को श्रीनगर में अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी के लिए विरोध-प्रदर्शन किया था। अभिभावकों ने सरकार से ईरान से भारतीय छात्रों को निकालने का आग्रह किया है।
स्थिति पर लगातार नजर रख रहा भारत
प्रदर्शन के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि तेहरान में भारतीय दूतावास सुरक्षा स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और ईरान में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क कर रहा है। मंत्रालय ने कहा, 'कुछ मामलों में भारतीय छात्रों को दूतावास की मदद से ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। अन्य व्यवहारिक विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।'
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समुदाय के नेताओं के संपर्क में मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीयों के बेहतरी और सुरक्षा के लिए भारतीय दूतावास भारतीय समुदाय के नेताओं के संपर्क में है। आधिकारिक आकड़ों के मुताबिक ईरान में 4,000 से ज्यादा भारतीय नागरिक रहते हैं। इसमें से ज्यादातर वहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ईरान में बहुत से भारतीय छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं और वे मेडिकल, मैनेजमेंट और अन्य की पढ़ाई कर रहे हैं। कश्मीरी छात्र आमतौर पर ईरान के विश्वविद्यालयों को उनकी सामर्थ्य और समान सांस्कृतिक परिवेश की वजह से चुनते हैं। छात्र तेहरान, शिराज और क़ोम जैसे शहरों में रहते हैं।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी दिया बयान
वहीं, इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से ईरान की स्थिति, खासकर कश्मीरी छात्रों की बेहतरी और सुरक्षा के बारे में बात की है। हालांकि, विदेश मंत्री इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की तीन देशों की यात्रा पर हैं।
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सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि एस जयशंकर ने उन्हें आश्वासन दिया है कि विदेश मंत्रालय ईरान के विदेश मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है। साथ ही मंत्रालय ईरान में सभी भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने आगे कहा, 'एक अभिभावक के रूप में मैं सभी चिंतित मां-बाप को आश्वस्त करता हूं कि मेरी सरकार इस बदलती स्थिति पर करीबी से नजर रखे हुए है।'
13 जून से दोनों देशों में छिड़ा युद्ध
बता दें कि इजरायल ने 13 जून को ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर दिया था। इस हमले को इजरायल ने अपने ऊपर सुरक्षात्मक हमला बताया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के खिलाफ 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' लॉन्च किया है। इसके बदले में ईरान ने भी इजरायल के खिलाफ 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' लॉन्च कर दिया। ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव में एक के बाद एक कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिससे शहर में तबाही मची है।