भारत और चीन के बीच हुए समझौते को समय रहते लागू कर दिया गया है। इसी समझौते के चलते पूर्वी लद्दाख के देमचोक और देपसांग से दोनों देशों की सेनाएं 2020 से पहले की स्थिति में लौट गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेनाओं के पीछे हटने, निर्माण हटाने की पुष्टि करने, दीवाली पर एक-दूसरे के साथ मिठाई का आदान-प्रदान करने के बाद अब भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख के देमचोक में पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। जल्द ही देपसांग में भी पेट्रोलिंग शुरू कर दी जाएगी।

 

बता दें कि शांति का माहौल बनने के चलते दोनों देशों के सैनिकों ने दीवाली के मौके पर एक-दूसरे के साथ मिठाई शेयर की थी। खुशहाली वाली तस्वीरें आईं तो उम्मीद बंधीं कि अब लद्दाख में LAC पर शांति आ जाएगी। बता दें कि 2020 में दोनों सेनाओं के बीच हुए टकराव के चलते यह स्थिति बन गई थी कि लगातार बातचीत के बावजूद इस समस्या का हल नहीं निकल पा रहा था। हालांकि, हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन से ठीक पहले दोनों देशों के बीच सहमति बन गई और दोनों देश 2020 से पूर्व की स्थिति में लौटने को तैयार हो गए।

पिछले महीने बनी थी सहमति

 

इसी समझौते के तहत दोनों देशों ने उन निर्माणों को ध्वस्त किए जो उन्होंने 2020 के बाद बनाए थे। साथ ही, दोनों देशों की सेनाओं ने विवादित क्षेत्र में जाकर इसकी पुष्टि भी की। बता दें विवाद की स्थिति देमचोक के पास चार्डिंग निंगलुंग नाला ट्रैक जंक्शन के पास और देपसांग के मैदानों को लेकर बनी हुई थी। पिछले महीने 21 अक्तूबर को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया था कि कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है।

 

कोशिश यह की जा रही है कि पहले की स्थिति बरकरार रखते हुए दोनों देशों के सैनिक पेट्रोलिंग कर सकें। पिछले लगभग साढ़े 4 साल से पूर्वी लद्दाख को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ था। इसी तनाव के चलते दोनों देशों ने सीमा पर सैनिक और हथियार बढ़ाने शुरू कर दिए थे। यही वजह है कि भारत ने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ टैंक, होवित्जर तोप और मिसाइलें तैनात कर दी थीं।