भारत 26 जनवरी 2026 को अपना 77वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। गणतंत्र दिवस की सबसे खास बात उस दिन होने वाली परेड है, जिसमें भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता दिखाई जाती है। यह परेड हर साल कर्तव्य पथ पर आयोजित होती है और हर बार इसमें कुछ नया देखने को मिलता है। 2026 की परेड में पहली बार भारतीय सेना सेरोमोनियल परेड में एनिमल दस्ते को दिखाएगी। इस साल की परेड का मुख्य विषय 'वन्दे मातरम्' और 'आत्मनिर्भर भारत' होगा।
कर्तव्य पथ पर होने वाली यह परेड राष्ट्रपति भवन के पास से शुरू होकर विजय चौक और इंडिया गेट होते हुए लाल किले तक जाती है। 1955 से यह परेड स्थायी रूप से कर्तव्य पथ पर आयोजित की जा रही है।
यह भी पढ़ें- UPSC को 'Waste of Time' क्यों बता गए PM मोदी के सलाहकार संजीव सान्याल?
एनिमल दस्ते की खासियत
यह एनिमल दस्ता रिमाउंट एंड वेटरनरी कॉर्प्स (RVC) से लिया गया है। यह भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील सीमाओं, बर्फीले ग्लेशियरों से लेकर ठंडे रेगिस्तानों तक की सुरक्षा में जानवरों की अहम भूमिका को दिखाएगा। इस दस्ते में दो बैक्ट्रियन ऊंट, चार जांस्कर टट्टू, चार रैप्टर, दस भारतीय नस्ल के आर्मी कुत्ते और 6 पारंपरिक मिलिट्री कुत्ते शामिल होंगे जो अभी एक्टिव सर्विस में हैं। इस दस्ते का नेतृत्व बैक्ट्रियन ऊंट करेंगे जिन्हें हाल ही में लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानों में तैनात किया गया है।
सभी जानवर स्पेशल
- ऊंट- बैक्ट्रियन ऊंट खराब मौसम की स्थिति में 15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई के लिए खास तौर पर अनुकूलित हैं। ये 250 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम है। ये कम पानी और चारे के साथ लंबी दूरी तय कर सकते हैं।
- जांस्कर टट्टू- ये लद्दाख की एक स्थानीय पहाड़ी की नस्ल है। अपने छोटे आकार के बावजूद ये अपनी असाधारण सहनशक्ति के लिए जाने जाते हैं। ये करीब 40 से 60 किलोग्राम तक का भार उठा सकते हैं। ये ऐसे इलाकों में भी जा सकते हैं जहां का तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। 2020 में सेना में शामिल होने के बाद से सियाचिन ग्लेशियर सहित कुछ सबसे कठिन ऑपरेशनल क्षेत्रों में सेवा दी है।
- रैप्टर- इन्हें बर्ड-स्ट्राइक कंट्रोल और निगरानी के लिए तैनात किया गया है। इसमें शिकारी पक्षी जैसे बाज, चील, उल्लू शामिल होते है।
- आर्मी डॉग्स- इन्हें अक्सर भारतीय सेना के 'साइलेंट वॉरियर्स' कहा जाता है। मेरठ में RVC सेंटर और कॉलेज में प्रशिक्षित और पाले-पोसे गए ये कुत्ते आतंकवाद विरोधी अभियानों, विस्फोटक और खदान का पता लगाने, ट्रैकिंग, पहरेदारी, आपदा प्रतिक्रिया और खोज और बचाव अभियानों में सैनिकों की मदद करते हैं।
- सेना ने मुधोल हाउंड, रामपुर हाउंड, चिप्पीपराई, कोम्बाई और राजापलायम जैसी स्वदेशी नस्लों को शामिल किया है जो रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयास को दिखाता है।
टिकट कैसे करें बुक?
गणतंत्र दिवस 2026 और बीटिंग रिट्रीट के टिकट के लिए बुकिंग प्रक्रिया जनवरी के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। टिकट की कीमतें 20 से 100 रुपये तक रहती हैं जो सीटिंग एरिया पर निर्भर करती हैं। ऑनलाइन बुकिंग के लिए -
- aamantran.mod.gov.in पोर्टल या Aamantran ऐप पर जाएं।
- लॉगिन करें, मोबाइल नंबर और OTP से वेरीफाई करें।
- इवेंट चुनें, टिकट की संख्या और पेमेंट पूरा करें।
ऑफलाइन काउंटर के लिए सरकार की तरफ से कई जगहों पर व्यवस्थाएं बनाई जाती है। सेना भवन, शास्त्री भवन, जंतर-मंतर और राजीव चौक जैसी जगहों पर जाकर टिकट बुक किया जा सकता है। इसकी बुकिंग के लिए वैध फोटो आईडी (आधार, वोटर आईडी आदि) साथ ले जाना अनिवार्य है। इसकी जानकारी के लिए आधिकारिक साइट्स rashtraparv.gov.in या aamantran.mod.gov.in पर अपडेट चेक करें।
यह भी पढ़ें- कभी टेंपो चलाया, अब हवाई जहाज की बारी, शंख एयर का प्लान क्या है?
दिल्ली में कड़े सुरक्षा के इंतजाम
गणतंत्र दिवस और नए साल के जश्न की तैयारियां तेज होने के साथ ही, राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा भी काफी बढ़ा दी गई है। दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां किसी भी घटना को रोकने के लिए लगातार कई बैठक कर रही हैं।
ट्रैफिक पुलिस और अर्धसैनिक बलों सहित लगभग 20,000 पुलिसकर्मी पूरे शहर में तैनात किए जाएंगे। अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष ट्रैफिक व्यवस्था की गई है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
