देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी में से एक इंडिगो मुश्किल में हैं। समय पर आने वाली उड़ानों के लिए जानी जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट्स अब या तो रद्द हो रही हैं और या कई घंटों की देरी से उड़ान भर रहीं हैं। दो दिन से इंडिगो में अफरा-तफरी मची हुई है। गुरुवार को देशभर में इंडिगो की 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। सबसे ज्यादा असर दिल्ली एयरपोर्ट पर पड़ा। इससे कई यात्री घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसे रहे।
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एक बयान जारी कर बताया कि इंडिगो में फ्लाइट कैंसिलेशन तेजी से बढ़ रहा है। अब हर दिन 170 से 200 उड़ानें रद्द हो रहीं हैं, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है।
इंडिगो में इस पूरे झमेले की वजह फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में बदलाव को माना जा रहा है। इंडिगो की उड़ानों में जिस तरह की दिक्कत आ रही है, उस पर केंद्र सरकार ने भी नाराजगी जताई है। इसे लेकर गुरुवार को सिविल एविएशन मिनिस्टर के. राममोहन नायडू ने हाईलेवल मीटिंग की। सरकार इस बात पर नाराज है कि समय होने के बावजूद इंडिगो FTDL नियमों को ठीक तरह से लागू नहीं कर पाई।
इंडिगो में क्या-कुछ हुआ? 5 पॉइंट्स में समझें
- फ्लाइट कैंसिल: न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि 550 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। दिल्ली एयरपोर्ट पर 172, मुंबई एयरपोर्ट पर 118, बेंगलुरु में 100, हैदराबाद में 75, कोलकाता में 35, चेन्नई में 26 और गोवा में 11 उड़ानें रद्द हुईं।
- क्यों हुआ ऐसा: FDTL के नए नियम लागू हो गए हैं। इसमें पायलटों और क्रू मेंबर की ड्यूटी टाइमिंग कम की गई है। इससे पायलटों की कमी हो गई है। इस कारण इंडिगो की उड़ानें या तो रद्द हो रहीं हैं या डिले हो रही हैं।
- समस्या कितनी गंभीर: इंडिगो की हर दिन लगभग 2,300 फ्लाइट उड़ान भरती हैं। बुधवार को सिर्फ 19.7% उड़ानें ही समय पर थीं। मंगलवार को 35% उड़ानें समय पर थीं।
- कब तक रहेंगे ऐसे हालात: इंडिगो ने बताया कि 8 दिसंबर तक और भी कई उड़ानें रद्द होंगी और उसके बाद कई उड़ानें कम की जाएंगी। इंडिगो ने यह भी बताया कि हालात पूरी तरह से 10 फरवरी तक ही सामान्य हो पाएंगे।
- इंडिगो ने क्या कहा: सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा, इंडिगो का मकसद फ्लाइट ऑपरेशन को नॉर्मल करना और समय पर उड़ान भरना है। उन्होंने कहा कि हम यात्रियों को अच्छा एक्सपीरियंस देने का वादा पूरा नहीं कर पाए।
क्यों बने ऐसे हालात?
केंद्र सरकार ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियम लागू कर दिए हैं। FDTL नियमों को जनवरी 2024 में लाया गया था। हालांकि, इन्हें अब जाकर पूरी तरह से लागू किया गया है।
इनमें पायलटों और क्रू मेंबर का ड्यूटी टाइम कर दिया गया है और आराम करने का समय बढ़ा दिया है। ऐसा पायलटों की थकान कम करने और सेफ्टी बढ़ाने के लिए किया गया है।
FDTL के नए नियमों से काफी कुछ बदल गया है। नए नियम तय करते हैं कि पायलट कितनी देर ड्यटी पर रह सकते हैं? कितने घंटे विमान उड़ा सकते हैं? रात में कितनी बार लैंडिंग कर सकते हैं? उन्हें कितना आराम मिलना चाहिए? कितनी बार नाइट ड्यूटी कर सकते हैं?
DGCA ने इन नियमों को पिछली साल जनवरी में पेश किया था। इन्हें पिछले साल ही 31 मई से लागू किया जाना था। मगर एयरलाइन कंपनियों ने इसके लिए समय मांगा, जिसके बाद इन्हें टाल दिया गया। इसके बाद इन नियमों को इस साल दो फेज में लागू किया गया। इन नियमों का पहला फेज इस साल जुलाई में लागू किया गया। दूसरा फेज 1 नवंबर से लागू कर दिया गया।
इन नियमों से क्या कुछ बदला?
- आराम का समय: पुराने नियमों में पायलट हफ्ते में 36 घंटे आराम कर सकते थे। अब हर हफ्ते कम से कम पायलटों को 48 घंटे आराम जरूरी है।
- नाइट शिफ्ट: पहले नाइट शिफ्ट का टाइम रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक होता था। नए नियमों में इसे रात 12 से सुबह से 5 बजे तक किया गया।
- नाइट लैंडिंग: पहले पायलट रातभर में विमान को 6 बार लैंड करा सकते थे। मगर अब रात में लैंडिंग की सीमा 6 से घटाकर 2 कर दी गई है।
- नाइट ड्यूटी: पहले पायलट कितने भी दिन तक लगातार नाइट ड्यूटी कर सकता था। अब लगातार 2 रात तक ही ड्यूटी कर सकता है, उसके बाद आराम जरूरी है।
- रोस्टर बदलना जरूरी: एयरलाइन कंपनियों को रोस्टर ऐसे बनाना पड़ेगा जिससे पायलट थके नहीं। हर तीन महीने में पायलटों की थकान पर रिपोर्ट देना होगा।
नियम सबके लिए, फिर इंडिगो पर असर क्यों?
DGCA ने जो FDTL के नियम लागू किए हैं, वह तो सभी एयरलाइन कंपनियों पर लागू होते हैं पर इसका सबसे ज्यादा असर इंडिगो पर ही क्यों दिख रहा है? इसका जवाब है कि इंडिगो के पास पायलटों की कमी हो गई है।
इंडिगो ने DGCA को बताया कि FDTL के नियम लागू होने से पहले अक्टूबर में 2,186 कैप्टन (पायलट) और 1,948 फर्स्ट ऑफिसर (को-पायलट) से काम चल जा रहा था। मगर नियम लागू होने के बाद नवंबर में 2,422 पायलट और 2,153 को-पायलट की जरूरत पड़ी। इंडिगो ने बताया है कि दिसंबर में उड़ानों के लिए 2,357 पायलट और 2,194 को-पायलट की जरूरत होगी।
इससे पता चलता है कि इंडिगो के पास पायलटों की कमी है। अक्टूबर की तुलना में दिसंबर में उसे लगभग और 200 पायलट चाहिए। इसके अलावा, उसने यह भी कहा कि रात में लैंडिंग की संख्या कम होने से नाइट ऑपरेशन पर भी असर पड़ा है।
इस सबमें गलती किसकी?
इस सबके लिए इंडिगो को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि जब इसके लिए दो साल का समय मिला था तो पायलटों की भर्ती क्यों नहीं की गई? इंडिगो ने भी माना है कि नए नियमों का अंदाजा लगाने और प्लानिंग में गलती हुई।
DGCA ने अब इंडिगो से एक डिटेल्ड रोडमैप जमा करने को कहा है, जिसमें उससे क्रू की भर्ती, क्रू की ट्रेनिंग का प्लान, रोस्टर रिस्ट्रक्चरिंग और सेफ्टी रिस्क असेसमेंट का प्लान मांगा गया है। इसके साथ ही DGCA ने इंडिगो को हर 15 दिन में एक प्रोग्रेस रिपोर्ट भी देने को कहा है।
एयरलाइट पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने कहा की क्रू की दिक्कतों की वजह से इंडिगो के ऑपरेशन में रुकावटें आना उसकी नाकामी को दिखाता है। ALPA ने दावा किया कि इंडिगो जानबूझकर ऐसा कर सकती है, ताकि नए नियमों को लेकर DGCA पर दबाव बनाया जा सके।
वहीं, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने आरोप लगाया है कि नियमों को लागू करने से पहले दो साल का तैयारी का समय मिलने के बावजूद इंडिगो ने 'जानबूझकर' भर्ती में देरी की।
अब इंडिगो क्या कर रही है?
इंडिगो ने सरकार से FDTL के नियमों को लागू करने में थोड़ी ढील मांगी है। इंडिगो ने DGCA को बताया है कि 10 फरवरी 2026 तक ही फ्लाइट ऑपरेशन पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद है।
इंडिगो ने DGCA को यह भी बताया है कि 8 दिसंबर तक तो और भी उड़ानें रद्द होंगी। इसके बाद फ्लाइट ऑपरेशन को कम भी किया जाएगा, ताकि स्थिति को संभाला जा सके।
