ओडिशा के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के सेवादार जगन्नाथ दीक्षित की हत्या हो गई है। उनकी उम्र 83 साल थी। वह मंदिर में रसोइए के तौर पर काम कर रहे थे। उनकी लाश पुरी के गुडियाशाही में रबेनी चौरा में सड़क के किनारे मिली। एक तरफ मंदिर में स्नान यात्रा चल रही है, दूसरी तरफ मंदिर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है। अब सवाल उठ रहे हैं कि इतनी सघन सुरक्षा में कैसे, किसी की हत्या हो गई है।
पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल:-
प्रथम दृष्टया यह हत्या का मामला लगता है। इसके लिए व्यक्तिगत दुश्मनी जिम्मेदार हो सकती है। हम घटना की जांच कर रहे हैं।'
पुरी पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में एक शख्स जगन्नाथ दीक्षित का शव सड़क पर रखते नजर आ रहा है। घटना के सिलसिले में एक शख्स को हिरासत में लिया गया है। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
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सीएम दौरे के कुछ घंटे बाद हुई हत्या
पुरी में स्नान पूर्णिमा के दिन जगन्नाथ दीक्षित की हत्या हुई है। हत्या से पहले मुख्यमंत्री मोहन माझी पुरी दौरे पर थे। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का पवित्र जल से स्नान कराया गया था, जिसे देखने वह आए थे।
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पुलिस कर रही है केस की छानबीन
पुरी पुलिस ने कहा है कि जगन्नाथ दीक्षित की लाश दोपहर 3 बजे के बाद उनके गुदियासाही स्थित घर के पास मिली है। उनके सिर पर गंभीर चोटें हैं। वह अकेले रहते थे और अविवाहित थे। मंदिर से लौटने के बाद यह वारदात हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।