जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले में 3 अलग-अलग जगहों पर बादल फटे हैं। बादल फटने के बाद कई जगह भूस्खलन हुए हैं, जिसमें कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है, कई गंभीर रूप से जख्मी में हैं। घायलों को मलबे से बाहर निकलाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। यह हादसा भी किश्तवाड़ जैसा नजर आ रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की है। उन्होंने वादा किया है कि केंद्र सरकार, आपदा की इस स्थिति में केंद्र शासित प्रदेश के साथ खड़ी है।
कठुआ के जांगलोट इलाके में कम से कम 4 लोग मारे गए हैं। यहां भूस्खलन के बाद गहरी खाी बन गई है। कई रास्ते बादल फटने की वजह से मलबे में बदल गए हैं, वहीं 2 से 3 घर बह गए हैं। इस इलाके में तेज बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन और मुश्किल हो रहा है। कई टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं।
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अमित शाह, गृहमंत्री:-
स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य चला रहा है। एनडीआरएफ की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। मोदी सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है। हम जम्मू-कश्मीर के अपने बहनों और भाइयों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
अब कैसे हैं हालात?
जम्मू संभाग के कमिश्नर रमेश कुमार ने हादसे पर कहा, 'रात से ही कश्मीर में तेज बारिश हो रही है। 7 लोगों की मौत भूस्खलन की वजह से हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कुछ लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर ले जाया गया है, वहां सड़क संपर्क पूरी तरह से बाधित है। जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी लाशें तलाश ली गई हैं।'
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अलर्ट पर सेना
पुलिस और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। जांगलोट में बादल फटने के बाद औद्योगिक क्षेत्र, स्कूल और पुलिस स्टेशन में घुस गया। रेलवे ट्रैक और सड़कें भी प्रभावित हुई हैं। कठुआ पुलिस स्टेशन में भी जलभराव हुआ है। सेना अलर्ट पर है।
क्या है बादल फटना?
अगर किसी इलाके में 100 मिमी से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल का फटना कहते हैं। बीते कुछ दिनों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। कई इलाकों में बाढ़ आ गई। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने X पर बताया कि प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
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किश्तवाड़ में अब तक 60 मौतें
कठुआ के बगार्ड, चंगड़ा और दिलवान-हुतली गांवों में भी भूस्खलन हुआ है। बड़ा नुकसान नहीं हु है। गुरुवार को किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा मार्ग पर बाढ़ में 60 लोग मारे गए हैं। ज्यादातर तीर्थयात्री थे। किश्तवाड़ में भारतीय सेना, NDRF, SDRF, BRO, पुलिस और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में जुटे हैं।