जम्मू और कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शुकरू के जंगलों में मुठभेड़ हुई है। सुरक्षाबलों ने तीन आंतकियों को ढेर कर दिया है, वहीं कुछ आतंकियों की तलाश अब भी सुरक्षाबल कर रहे हैं। केल्लार के जंगलों में सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस को आतंकियों के छिपे होने के कुछ इनपुट मिले, जिसके बाद पूरे इलाके में सेना ने नाकेबंदी की है, अब आतंकियों की धर पकड़ जारी है। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन केलर का नाम दिया है।
सुरक्षाबलों की टीम जैसे ही जंगल में के पास पहुंची, आतंकियों ने हमला बोलना शुरू कर दिया। आतंकियों ने अचानक सुरक्षाबलों पर हमला बोल दिया, जिसके बाद सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। पुलिस और आर्मी के जवानों को निशाना बनाकर फायरिंग की गई। केलर के जंगलों में छिपे आतंकियों को पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त टीमें ढूंढ रही हैं। हेलीकॉप्टर और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है।
दो आतंकियों की पहचान सुरक्षाबलों ने कर ली है, एक आतंकी के बारे में छानबीन की जा रही है।
कौन हैं लश्कर के ढेर हुए आतंकी?
शाहिद कुट्टे: शाहिद कुट्टे शोपियां के हीरापोरा इलाके का रहने वाला था। उसके पिता का नाम मोहम्मद युसुफ कुट्टे है।
- आरोप 1: दानिश रिसॉर्ट के बाहर 8 अप्रैल 2024 को दो जर्मन पर्यटकों पर गोली चलाई, एक ड्राइवर भी घायल हुआ।
- आरोप 2: 18 मई 2024 को बीजेपी सरपंच की होरापोरा में हत्या।
- आरोप 3: फरवरी 3, 2024 को टेरिटोरियल आर्मी के जवान की बेहिबाग इलाके में हत्या का संदिग्ध।
अदनान शाफी डार: अदनान शोपियां के वंदुआना मेलहोरा गांव में रहता था। उसके पिता का नाम मोहम्मद शाफी डार है।
- आरोप 1: 18 अक्तूबर 2024 को वह लश्कर में शामिल हुआ था।
- आरोप 2: शोपियां के वाची इलाके में एक प्रवासी मजदूर की हत्या की।
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ऑपरेशन केलर क्या है?
भारतीय सेना ने ऑपरेशन केलर के बारे में भी जानकारी दी है। सेना ने कहा, '13 मई को राष्ट्रीय राइफल्स युनिट को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकी शोइकल इलाके में सक्रिय हैं। सेना ने आतंकियों के खिलाफ खोज और तबाही अभियान चला दिया। ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने गोलीबारी की, जवाबी कार्रवाई में 3 ढेर हो गए। ऑपरेशन अभी जारी है।'
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लश्कर-ए-तैयबा क्या है?
लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान के सबसे बड़े आतंकी समूहों में से एक है। इसकी स्थापना 1985-86 में हाफिज मुहम्मद सईद, जफर इकबाल शहबाज, अब्दुल्ला अज्जम जैसे आतंकियों ने की थी। यह पहले अफगानिस्तान के कुनार प्रांत से ऑपरेट होता था। ओसामा बिल लादेन इस संगठन को फंड दिलाता था। अब यह संगठन पाकिस्तान के लाहौर से चलता है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में इस संगठन के कई आतंकी ट्रेनिंग कैंप हैं। कुछ शिविरों को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत ढहा दिया था।
लश्कर-ए-तैयबा का मकसद कश्मीर को भारत से अलग कर पाकिस्तान में मिलाना है। लश्कर ने भारत के खिलाफ कई बड़े हमले किए हैं, जिनमें 2008 का मुंबई हमला, 2001 का लाल किला हमला, और 2005 की दिल्ली बमबारी शामिल हैं। इसे संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, भारत, रूस, और अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है।