करणी सेना एक बार फिर से सक्रिय हो गई है। इस संगठन को उसके उग्र प्रदर्शनों और विवादित बयानों के लिए जाना जाता है। इस बार उत्तर प्रदेश में करणी सेना ने उग्र प्रदर्शन करते हुए समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन और उनके घर को निशाना बनाया है। संगठन ने बुधवार को आगरा में सांसद के घर में तोड़फोड़ की और गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। समाजवादी पार्टी के सांसद के घर पर पथराव कर किया।
करणी सेना के प्रदर्शन को देखते हुए आगरा पुलिस ने सपा सांसद के घर के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। पुलिस ने बैरिकेडिग करके प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन करणी सेना की उग्र भीड़ ने पुलिस को ही निशाना बना लिया। इसमें एक इंस्पेक्टर, आठ सब इंस्पेक्टर सहित कुल 14 पुलिसवाले घायल हो गए।
सीएम योगी आदित्यनाथ आगरा में मौजूद थे
जब संगठन के लोग प्रदर्शन करके तोड़फोड़ कर रहे थे, उसी समय यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सांसद रामजी लाल सुमन के घर से महज एक किलोमीटर दूर पर सरकार के आठ साल पूरे होने पर भाषण दे रहे थे।
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ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर करणी सेना ने आगरा में क्यों कानून तोड़ा? इस संगठन ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन को निशाना क्यों बनाया और उसने यूपी पुलिस के जवानों के ऊपर हमला क्यों किया? साथ ही जानेंगे करणी सेना के गठन के बारे में और इसके पांच सबसे बड़े प्रदर्शनों के बारे में...
करणी सेना का गठन कब हुआ?
करणी सेना का गठन 23 सितंबर 2006 को राजस्थान के जयपुर के जोतवाड़ा में लोकेंद्र सिंह कालवी ने किया था। संगठन का मुख्य उद्देश्य सरकारी नौकरियों और शिक्षा में राजपूतों के लिए जाति-आधारित आरक्षण की मांग करना था। साथ ही करणी सेना राजपूत समुदाय को संगठित करने के प्रयास करती है। संगठन का नाम करणी माता के नाम पर रखा गया है। इसके अनुयायी करणी माता को हिंगलाज का अवतार मानते हैं।
बता दें कि करणी सेना राजनीतिक संगठन नहीं है। हालांकि, राजनीतिक दल इसे लुभाने की लगातार कोशिशें करते रहे हैं। राजस्थान सहित कई राज्यों में राजपूत बहुल वाले इलाकों में इसका प्रभाव देखने को मिलता है। मार्च 2023 में संगठन के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी निधन हो गया। इसके के बाद भी करणी सेना सक्रिय है। संगठन कई राज्यों में अपना विस्तार कर रहा है।
करणी सेना के तीन सबसे बड़े प्रदर्शन
साल 2017 से पहले तक लोग करणी सेना के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। लेकिन अभिनेता रणवीर सिंह की 'पद्मावत' फ़िल्म का विरोध करने के नाम पर दीपिका पादुकोण की नाक काटने जैसी धमकियां देने के बाद करणी सेना अचानक से चर्चा में आ गई। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के विरोध में इसने देशव्यापी उग्र आंदोलन किया था।
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संगठन का आरोप था कि फिल्म में रानी पद्मिनी के चरित्र को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे राजपूत समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
फिल्मों का विरोध
इसके बाद करणी सेना ने फिल्म तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर, जोधा अकबर जैसी फिल्मों और कुछ वेब सीरीज के खिलाफ भी प्रदर्शन किए। संगठन का दावा है कि बॉलीवुड ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है, जिससे राजपूत समाज की छवि प्रभावित होती है। अब करणी सेना एक बार फिर चर्चा में है।
राजस्थान पुलिस से मुठभेड़ में कुख्यात गैगस्टर आनंदपाल सिंह के मारे जाने पर सवाल उठाने को लेकर भी यह संगठन सुर्खियों में आ गया था। मार्च 2023 में लोकेंद्र सिंह कालवी के निधन हो गया और करणी सेना तीन धड़ों में बंट गया।
रामजी लाल सुमन का वो बयान, जिससे हुआ विवाद
बीते शुक्रवार को राज्यसभा में बोलते हुए रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने राणा सांगा को गद्दार कहा था और दावा किया था कि राणा सांगा ही बाबर को भारत लेकर आए थे। सपा सांसद के इस बयान के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है।
रामजी लाल सुमन के बयान के बाद करणी सेना ने घोषणा की है कि जो भी व्यक्ति सपा सांसद की जुबान काटकर लाएगा, उसे 5 लाख 51 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा।