केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के एक बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। रिजिजू ने कहा कि संसद का मानसून सत्र देश के लिए सफल रहा, लेकिन विपक्ष के लिए नाकाम। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। एक नए विधेयक के तहत अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर अपराध में गिरफ्तार होता है, तो उसे पद छोड़ना होगा। रिजिजू ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि पीएम भी आम नागरिक की तरह है और उसे कोई खास छूट नहीं मिलनी चाहिए।’
इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया है, जिसमें पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर के लिए भी ऐसे ही नियम लागू करने का प्रस्ताव है। इन तीनों विधेयकों की जांच अब संसदीय समिति करेगी। रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट की सलाह को ठुकराते हुए खुद को भी इस कानून के दायरे में रखा। उन्होंने कहा, ‘नैतिकता का महत्व होना चाहिए। अगर विपक्ष ने नैतिकता को केंद्र में रखा होता, तो वह इस क्रांतिकारी विधेयक का स्वागत करता।’
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बीजेपी का समर्थन, विपक्ष का हमला
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने रिजिजू के बयान का समर्थन करते हुए कहा, ‘रिजिजू सही कह रहे हैं। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख दिखाया है। अगर कोई सरकारी पद पर है और जेल जाता है, तो उसे पद पर रहने का कोई हक नहीं। पहले नेता नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देते थे, लेकिन आजकल कुछ नेता जेल से भी सरकार चलाते हैं। इसलिए यह विधेयक जरूरी था।'
वहीं, कांग्रेस ने रिजिजू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा, 'लगता है रिजिजू जेम्स बॉन्ड की फिल्में देख रहे हैं। राहुल गांधी के बारे में उनकी टिप्पणी दुखद है। उनका पूरा परिवार देश के लिए कुर्बान हो गया। भाजपा ने तिरंगे का अपमान किया और अपने मुख्यालय में कभी इसे नहीं फहराया। वे नेहरू और गांधी के प्रति कुंठा में जी रहे हैं।'
कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'भाजपा ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है। आज पूरे देश में वोट चोरी की बात हो रही है। भाजपा में किसी को सोचने-बोलने की आजादी नहीं, लेकिन कांग्रेस में सभी को अपनी बात रखने का हक है। खड़गे जी और राहुल गांधी सबको साथ लेकर पार्टी चला रहे हैं।'
वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘उन्हें याद दिलाना ज़रूरी है कि जिन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, चाहे वो हिमंत बिस्वा सरमा हों या अजित पवार, ये आरोप बीजेपी ने लगाए, खूब बातें कीं और फिर उन्हें सीएम और डिप्टी सीएम बना दिया। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं... बीजेपी की बी-टीम बनकर काम करने वाली ईडी और सीबीआई ने कई विपक्षी नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया है... बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान 400 पार का नारा दिया था। जेपी नड्डा ने भी हाल ही में ‘वन नेशन वन पार्टी’ की बात की थी... इस नए कानून की आड़ में विपक्ष को खत्म करने की कोशिश हो रही है।
रिजिजू बोले- गला बैठ गया
रिजिजू ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में संसद विपक्ष की भी होती है, जो सरकार से सवाल पूछ सकता है। उन्होंने कहा, 'सरकार जवाब देने को तैयार है, लेकिन अगर सवाल पूछने वाले ही भाग जाएं, तो सरकार क्या करे? मैंने विपक्ष से हंगामा न करने की गुजारिश की, मेरा गला तक बैठ गया।'
रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को संसदीय चर्चा में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि कई कांग्रेस और अन्य दलों के सांसदों ने उनसे शिकायत की कि बार-बार स्थगन के कारण वे अपने क्षेत्र के मुद्दे नहीं उठा पाए। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को बहस में विश्वास नहीं है। अगर संसद नहीं चलती, तो नुकसान विपक्ष का है। सरकार राष्ट्रीय हित में विधेयक पारित करेगी, लेकिन बिना चर्चा के यह अच्छा नहीं।'
राहुल गांधी को लगी थी फटकार
रिजिजू ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, 'जब राहुल गांधी बोलते हैं, उनके सांसद असहज हो जाते हैं। उन्हें डर रहता है कि उनकी बेतुकी बातों का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा।' उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को 'चौकीदार चोर' और भारत-चीन सीमा विवाद पर टिप्पणियों के लिए फटकार लगाए जाने का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, मैं उनकी आलोचना नहीं करना चाहता, लेकिन उन्हें भारतीय की तरह बोलना चाहिए। वे किसी की नहीं सुनते, अपनी पार्टी की भी नहीं। विपक्ष को मजबूत होना चाहिए, लेकिन वे विपक्ष की बुनियादी जिम्मेदारियां भी नहीं निभा पा रहे।'
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क्या है यह विधेयक?
विधेयक के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री या कोई मुख्यमंत्री अथवा मंत्री गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है, तो उसे अपने पद से हटना होगा। रिजिजू का कहना है कि देश की जनता इस विधेयक का स्वागत कर रही है। अब यह देखना होगा कि संसदीय समिति की जांच के बाद यह विधेयक क्या रूप लेता है और सियासी बहस कहां तक जाती है।