पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के अंदर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। यह ऑपरेशन 7 मई 2025 की रात शुरू हुआ और अभी तक जारी है। भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया था। अब तक 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। भारत ने न सिर्फ आतंकवादियों बल्कि उनको पालने वाले पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर अब कोई हिमाकत की तो घर में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं जब पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ भारत ने कोई ऑपरेशन चलाया हो। आइए जानते हैं उन ऑपरेशन की फेहरिस्त, जिन्हें भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले भी चला चुका है।     

 

ऑपरेशन मेघदूत

पाकिस्तान ने एक समय पर सियाचिन पर कब्जा करने की कोशिश की। उसने विदेशी पर्वतारोहियों को यहां आने की अनुमति दी। पाकिस्तान की सेना भी साजिश में रचने में जुटी थी। खुफिया जानकारी मिलने के बाद 13 अप्रैल 1984 को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन मेघदूत चलाया। वायुसेना की मदद से भारतीय सेना के जवानों को सियाचिन ग्लेशियर में उतारा गया। पाकिस्तान सेना के पहुंचने से पहले ही भारत के 300 सैनिकों ने सियाचिन की अहम चोटियों और दर्रों पर कब्जा कर लिया था। 

 

यह भी पढ़ें: 'पूरा देश नतमस्तक है', MP के डिप्टी सीएम ने किया सेना का अपमान?

 

ऑपरेशन कैक्टस लिली

पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में भारत ने ऑपरेशन कैक्टस लिली शुरू किया था। इस अभियान को भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर चलाया था। इस ऑपरेशन का लक्ष्य ढाका तक भारतीय सेना को पहुंचाना था। मगर सबसे बड़ी चुनौती मेघना नदी को पार करना था। 57 वीं माउंटेन डिवीजन को चौथी कोर के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह ने ढाका की ओर बढ़ने का काम सौंपा था। मगर पाकिस्तान की सेना ने पहले ही आशुगंज में मेघना नदी पर बना पुल तोड़ दिया। 

 

इसके बाद सेना को एयरलिफ्ट के माध्यम से मेघना नदी के उस पार उतारने का फैसला किया गया। 9 से 13 दिसंबर के बीच भारतीय वायुसेना के एमआई-4 हेलीकॉप्टरों ने 200 से अधिक बार उड़ान भरी। तब तक 311 माउंटेन ब्रिगेड को मेघना नदी के पार पहुंचाया जा चुका था और भारतीय सेना ढाका से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर खड़ी थी।

ऑपरेशन ट्राइडेंट

1971 में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' शुरू किया। इसमें तीन मिसाइल बोट आईएनएस निर्घाट, निपात और वीर और दो पेट्या क्लास शिप से पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर हमला किया गया। भारत के हमले से पाकिस्तान की पीएनएस खैबर, पीएनएस मुहाफिज, एमवी वीनस चैलेंजर पानी में ही डूब गए और केमारी ऑयल फील्ड में तबाही मच गई थी। 

 

यह भी पढ़ें: 'क्वेटा ही बचा, बलूचिस्तान PAK के हाथ से निकल गया', बलोच नेता का दावा

 

ऑपरेशन पायथन

ऑपरेशन ट्राइडेंट के तुरंत बंद ही भारतीय नौसेना ने 8 दिसंबर को ऑपरेशन पायथन का आगाज किया था। इसने पूरे कराची पोर्ट पर जमकर तबाही मचाई थी। भारतीय नौसेना ने आईएनएस विनाश, त्रिशूल और तलवार जहाजों से हमला किया था। इस ऑपरेशन में पहली बार एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था। इन दो ऑपरेशन ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी। 

ऑपरेशन रिडल

1965 में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने की कोशिश की थी। उसने इस ऑपरेशन का नाम ग्रैंड स्लैम और जिब्राल्टर रखा। मगर भारतीय सेना के आगे मुंह की खानी पड़ी। जवाब में भारत ने ऑपरेशन रिडल शुरू किया। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान की पूरी सेना को सकते में डाल दिया था, क्योंकि भारतीय सेना ने कसूर और लाहौर पर सीधा अटैक कर दिया था। 

ऑपरेशन विजय 

1998-99 की सर्दियों पर पाकिस्तान सेना ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया था। जवाब में भारत ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की। भारतीय सेना ने कारगिल क्षेत्र में 2 लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती की। सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से न केवल कारगिल की चोटियों पर कब्जा किया बल्कि पाकिस्तान सेना को बड़ा सबक भी सिखाया था। हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। कारगिल युद्ध के दौरान ही वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर और नौसेना ने ऑपरेशन तलवार को भी अंजाम दिया था। 

ऑपरेशन बंदर

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी। यह एयर स्ट्राइक 26 फरवरी को हमले से ठीक 12 दिन बाद की गई थी। वायुसेना ने इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन बंदर’ रखा था। भारत के 12 मिराज लड़ाकू विमानों ने आतंकी ट्रेनिंग कैंपों पर भारी तबाही मचाई थी। 

सर्जिकल स्ट्राइक 

साल 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ सीधा एक्शन लिया था। इसमें सेना की एक टुकड़ी ने एलओसी पार किया और आतंकी लॉन्च पैड को तबाह करके अपना बदला पूरा किया था।   

ऑपरेशन सिंदूर

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने 7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइलों से हमला किया। हमले में 100 से अधिक आतंकियों की मौत हुई। वहीं जैश और लश्कर के ट्रेनिंग कैंप मिट्टी में मिल चुके हैं। खास बात यह है कि सेना का ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है।