भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इस दौरान उन्हें नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। लालकृष्ण आडवाणी फिलहाल निगरानी में हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
इससे पहले आडवाणी को 26 जून को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं के कारण भर्ती कराया गया था। अगले दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। 96 वर्षीय वरिष्ठ नेता का डॉक्टरों की एक टीम ने एग्जामिन किया था।
भारत रत्न से किए गए थे सम्मानित
8 नवंबर, 1927 को कराची (वर्तमान पाकिस्तान) में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी को हाल ही में 30 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया। आडवाणी ने 1942 में एक स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। उन्होंने 1970 में अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की जब वे राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1989 में नई दिल्ली से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने मोहिनी गिरि को हराया।
लंबे समय तक भाजपा के रहे कद्दावर नेता
1990 के दशक की शुरुआत में अयोध्या के राम मंदिर के लिए अपनी रथ यात्रा के साथ आडवाणी ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के दौरान आडवाणी ने उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में कार्य किया और सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1986 से 1990 तक, फिर 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक भाजपा अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। आडवाणी ने 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद से सबसे लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।