जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई राज्यों के लोगों की जान गई है। कोई शादी के बाद हनीमून पर कश्मीर घूमने आया था तो कोई छुट्टियां मनाने। ओडिसा से आए प्रशांत सत्पती की कहानी भी कुछ ऐसी है। प्रशांत सत्पती कई महीनों से पैसे जुटाकर कश्मीर घूमने गए थे और यह उनके जीवन की आखिरी यात्रा साबित हो गई। प्रशांत के भाई ने इसकी जानकारी दी है। ओडिशा के बालासोर में उनके घर पर अब उनके शव का इंतजार हो रहा है और उनकी मां सदमे के चलते कुछ बोल तक नहीं पा रही हैं। प्रशांत के साथ ही गईं उनकी पत्नी इस हमले में बच गई हैं।

 

इस हमले में जान गंवाने वाले प्रशांत सत्पती के बड़े भाई सुशांत ने बताया कि प्रशांत की मौत की खबर सुनकर मां सदमे के कारण कुछ बोल नहीं पा रहीं। उन्होंने कहा, 'प्रशांत ने इस यात्रा के लिए महीनों तक पैसे बचाए थे और वह इसके लिए बहुत उत्साहित था।' ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित केंद्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) में लेखा सहायक के रूप में कार्यरत प्रशांत (40) पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे। प्रशांत की पत्नी प्रियदर्शनी आचार्या ने जम्मू-कश्मीर के एक ओडिया समाचार चैनल को बताया, 'जब हम बैसरन में रोपवे से उतर रहे थे, तभी प्रशांत के सिर में गोली लगी... वह वहीं गिर पड़े। सेना एक घंटे बाद आई।'

 

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गांव में हो रहा शव का इंतजार

 

प्रियदर्शनी, उनके बेटे तनुज कुमार सत्पती और प्रशांत के तीन रिश्तेदार हमले की खबर सुनकर श्रीनगर पहुंच गए हैं। वे प्रशांत का शव लेकर आएंगे। शव बुधवार रात तक भुवनेश्वर लाए जाने की उम्मीद है। बालासोर जिले के रेमुना ब्लॉक के इशानी गांव में गम का माहौल है। स्थानीय लोग और राजनीतिक नेता प्रशांत सत्पती के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। 

 

एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के निर्देशानुसार, दिल्ली में ओडिशा के रेजिडेंट कमिश्नर शव की वापसी के लिए समन्वय कर रहे हैं। स्थानीय लोग प्रशांत को श्रद्धांजलि देने के लिए शव को गांव लाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। प्रशांत के परिवार ने कहा कि वे बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था कर रहे हैं और ओडिशा सरकार के प्रतिनिधियों के इसमें शामिल होने की उम्मीद है।

 

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एक बैठक में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर गईं भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी प्रशांत के परिवार से मिलीं और उनकी पत्नी और बेटे को सांत्वना दी। इस बीच, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति (ओपीसीसी) ने अपनी राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में एक मिनट का मौन रखा और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घटना की निंदा करते हुए हिंदू जागरण मंच ने बुधवार शाम को भुवनेश्वर में पीड़ितों के लिए एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की योजना बनाई है। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री माझी, नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीकांत जेना और कई गणमान्य लोगों ने हमले की कड़ी निंदा की है।