मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बीरेन सिंह ने राजधानी इंफाल में मौजूद राजभवन में जाकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा। इस दौरान उनके साथ में दर्जनों विधायक मौजूद रहे।
बता दें कि लगभग दो सालों से मणिपुर हिंसा की चपेट में है। राज्य की हिंसा में सौकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों की तादात में घायल हुए हैं। काफी लंबे समय से एन बीरेन सिंह के ऊपर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव बन रहा था।
राज्यपाल को सौंपे गए अपने इस्तीफा पत्र में बीरेन सिंह ने कहा कि उनके लिए मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है। दंगा प्रभावित मणिपुर में मौजूदा बीजेपी सरकार के सामने अविश्वास प्रस्ताव का खतरा है। साथ ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष बीजेपी सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है।
केंद्र सरकार का आभार जताया
उन्होंने इस्तीफे में लिखा, 'मैं हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए समय पर की गई कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्यों और अलग-अलग परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं।' इस्तीफा सौंपने के दौरान बीरेन सिंह के साथ में मणिपुर के बीजेपी अध्यक्ष ए शारदा, बीजेपी के उत्तर पूर्व राज्यों के प्रभारी और सांसद संबित पात्रा के साथ में 19 विधायक मौजूद रहे।
कांग्रेस की आई प्रतिक्रिया
वहीं, बीरेन सिंह के इस्तीफे पर कांग्रेस का बयान सामने आया है। पार्टी नेता उदित राज ने कहा, 'जब कांग्रेस सही समय पर बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रही थी, तब उन्हें नहीं हटाया गया। दो समुदायों के बीच हमेशा के लिए दरार पैदा हो गई है। इस सरकार को इतने लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए था। सब कुछ बर्बाद हो जाने के बाद सीएम को हटाना कोई मतलब नहीं रखता।'
हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मरे
एक दिन पहले ही बीरेन सिंह ने कहा था कि राज्य की बीजेपी सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। बता दें कि मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अबतक 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।