मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से हिंसा जारी है। मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं जिनके चलते सरकार की खूब फजीहत हुई है। अब साल के आखिरी दिन सीएम बिरेन सिंह ने माफी मांगी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि साल 2025 अच्छा गुजरेगा। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की है कि अब तक जो हुआ, उसे भूलकर, एक-दूसरे को माफ करके आगे बढ़ें। सीएम बिरेन सिंह ने यह भी कहा है कि मणिपुर की सभी 35 जनजातियों को मिलकर एकसाथ रहना चाहिए।
पिछले साल 3 मई को कुकी और मेइती समुदाय के लोगों के बीच शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक हो गया था। इस डेढ़ साल के वक्त में हुई हिंसक घटनाओं में हजारों लोगों के घर जला दिए गए, बेकसूर लोगों की हत्या की गई, रेप के कई मामले सामने आए और सांप्रदायिक हिंसा तो जमकर हुई। कई बार पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले किए गए और सरकारी संस्थाओं को भी जमकर निशाना बनाया गया।
क्या बोले एन बिरेन सिंह?
मणिपुर हिंसा के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए एन बिरेन सिंह ने कहा, 'यह पूरा साल ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। पिछले साल 3 मई से ही जो कुछ हो रहा है, उसके लिए मैं राज्य की जनता से माफी मांगना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने चाहने वालों को खो दिया। कई लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया। मुझे इसका पछतावा है। मैं माफी मांगता हूं लेकिन अब पिछले तीन-चार महीनों में शांति की ओर हो रही प्रगति को देखते हुए मुझे भरोसा है कि 2025 में राज्य में शांति स्थापित हो जाएगी।'
एन बिरेन सिंह ने आगे कहा, 'मैं राज्य के सभी समुदायों से अपील करता हूं कि जो हुआ सो हुआ। आपको पिछली बातों को भूलना होगा और गलतियों को माफ करना होगा। हमें शांत और समृद्ध मणिपुर के लिए एक नई शुरुआत करनी होगी। मणिपुर की सभी 35 जनजातियों को एकसाथ सौहार्द के साथ रहना चाहिए।'
बता दें कि 3 मई 2023 से जारी हिंसा में अभी तक 180 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। आज भी हजारों लोग ऐसे हैं जो अपने घर छोड़कर राहत कैंपों में रहने को मजबूर हैं। यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ मेइती समुदाय के लोगों ने अनुसूचित जनजाति के दर्ज के लिए आंदोलन किया और कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया। इसी के चलते दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती है और इस समुदाय के ज्यादातर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं 40 पर्सेंट लोग कुकी हैं जो पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।