हिंसाग्रस्त मणिपुर में सोमवार की शाम को सुरक्षाबलों और संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद जिरीबाम जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह फैसला जिरीबाम जिला प्रशासन ने लिया। इस मुठभेड़ में 11 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया गया था, जिसके विरोध में कुकी-जो संगठनों ने पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्ण बंद का आह्वान किया था।

 

समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक जिला कलेक्टर ने कर्फ्यू को लेकर आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि बंदूक, तलवार, लाठी, पत्थर या अन्य घातक हथियार, तेज धार वाली वस्तुएं या किसी भी तरह की ऐसी चीजें ले जाने पर बैन लगा दिया गया है, जिनका इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जा सकता है।

इन्हें मिलेगी छूट

 

हालांकि, कानून व्यवस्था बनाए रखने में शामिल सरकारी एजेंसियों/अधिकारियों, सुरक्षा बलों और अन्य जरूरी सेवाओं को कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। कर्फ्यू वाले क्षेत्र में इमरजेंसी , शादी, अंतिम संस्कार के लिए भी लिखित में अनुमति लेने की जरूरत होगी।

पुलिस रिर्पोट के आधार पर डीएम का आदेश

 

दरअसल, डीएम ने यह आदेश जिला पुलिस की रिर्पोट के आधार पर दिया है। पुलिस ने अपनी रिर्पोट में असामाजिक तत्वों द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों करके जिले में अशांति और लोगों के जीवन को खतरे में डालने की आशंका जताई है।

मृतकों के गांव के स्वयंसेवक होने का दावा

 

दूसरी ओर कुकी-जो परिषद ने दावा किया है कि मारे गए सभी मृतक गांव के स्वयंसेवक थे। परिषद ने मंगलवार को पीड़ितों के सम्मान में और क्रूरतापूर्वक गोली मारकर मारे गए लोगों के प्रति अपना सामूहिक दुख और एकजुटता जताने के लिए सुबह 5:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक पूर्ण बंद की घोषणा की। साथ ही परिषद ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तत्काल और गहन जांच की भी मांग की है।

 

बता दें कि सोमवार शाम को जिरीबाम जिले में कुकी उग्रवादियों ने एक पुलिस थाने और सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। इसके बाद दोनों तरफ से जमकर गोलीबारी हुई, जिसमें 11 उग्रवादी मारे गए और एक सीआरपीएफ का जवान घायल हो गया।