मणिपुर पिछले ढ़ेढ साल से हिंसा की चपेट में है। राज्य में सबसे ज्यादा कांगपोकपी जिला हिंसा प्रभावित क्षेत्र है। पिछले दिनों सीआरपीएम सुरक्षाबलों के कैंप पर हमला करने के बाद हुई जवाबी कार्रवाई में 11 उग्रवादियों की मौत के बाद मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी थी। इस बीच पुलिस लगातार अलग-अलग इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही है।

 

इसी सिलसिले में कांगपोकपी पुलिस जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन चला रही थी। मणिपुर पुलिस की एक टीम अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए उस जगह पहुंची तो वहां पहले से 80-90 हथियारबंद उग्रवादी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक, दो दर्जन से अधिक पुलिस के जवान तीन घंटे पैदल चलकर दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में अफीम की खेती नष्ट करने गए थे।  

टीम उल्टे पांव वापस घर आई 

पुलिस अपने साथ महज तीन असॉल्ट राइफलें लेकर अफीम नष्ट करने गई थी, मगर उग्रवादियों के पास पहले से एके-47 जैसी खतरनाक हथियार मौजूद थे। वहीं, कम हथियारों के साथ अफीम नष्ट करने पहुंची पुलिस ने जैसे ही कार्रवाई शुरू की उधर से उग्रवादियों ने पुलिस को घेरकर उनके हथियार छीन लिए। इसके बाद पुलिस की टीम उल्टे पांव वहां से वापस आ गई।  

नष्ट नहीं कर सकते खेती

एक अंग्रेजी बेबसाइट ने स्थानीय सूत्रों के हवाले से बताया है कि आप ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में हथियार लेकर भी अफीम को ढंग से नष्ट नहीं कर सकते। बड़े अधिकारियों को पुलिस के साथ-साथ अन्य सुरक्षाबलों को भी तैनात करना चाहिए था। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर में कहा गया है कि यह इलाका काफी कठिन जगह पर है, जहां जाने में काफी समय लगता है। पुलिस के वहां से वापस लौटने का फैसला जवानों की सुरक्षा को लेकर उठाया गया। 

नेशनल फ्रंट का गढ़

कांगपोकपी जिला उग्रवादी समूह कुकी नेशनल फ्रंट का भी गढ़ है। यह समूह दो दर्जन से अधिक 'कुकी-जो उग्रवादी' समूहों में से एक है। यह समूह मणिपुर सरकार को बरखास्त करने की मांग कर रही है। दरअसल, मैतेई समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि उनके प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती में कुकी विद्रोही समूहों का हाथ है।

 

बता दें कि 18 नवंबर को कांगपोकपी पुलिस के एसपी ने माखन के पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने का आदेश दिया था। यह क्षेत्र राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

 

पुलिस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि 18 नवंबर को कंगपोकपी पुलिस प्रमुख ने एक फ्लैश संदेश में कंगपोकपी और जी सपरमेना पुलिस स्टेशनों के प्रभारी अधिकारियों को माखन पहाड़ी क्षेत्र में अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने का आदेश दिया। ऑपरेशन का क्षेत्र राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर उत्तर में जी सपरमेना में पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता था।