गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर पर नया ऐक्शन प्लान तैयार किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 8 मार्च से पहले मणिपुर की सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी जाए। जो भी सड़कों पर लोगों के आने-जाने में दिक्कत न हो। 

अमित शाह ने मणिपुर हिंसा की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। मई 2023 के बाद से ही राज्य में अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की हिंसा अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।

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गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को निर्देश दिया है कि वे 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर लोगों की निर्बाध आवाजाही तय की जाए। गृह मंत्री ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी। सड़कों पर अब अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए।

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राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद पहली बार बैठक

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सड़कों पर जो भी रुकावट डाले, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। पूर्वोत्तर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद  ऐसी बैठकें नहीं हुई हैं, यह पहली बैठक है। 

मणिपुर में मई 2023 से ही इंफाल घाटी और आसपास की पहाड़ियों पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। मैतेई और कुकी समूहों के बीच अनबन है। दोनों समुदायों के बीच हुई हिंसा में अब तक 250 लोग मारे गए हैं। 

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मणिपुर में हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा है। गृहमंत्री ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। राज्य की कानून व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी शामिल हुए।

मणिपुर में अभी कैसे हैं हालात?
मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता के हालात हैं। एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई थी। केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। 

मणिपुर में हथियार सरेंडर कर रहे बागी
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने विद्रोहियों से कहा था कि लूटे गए हथियार सरेंडर करने वाले लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। 300 से ज्यादा हथियार जनता ने पुलिस को सौंपे। मैतेई समूह अरम्बाई टेंगोल ने 246 हथियार दिए हैं। 

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने हथियारों को सरेंडर करने की समयावधि 6 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है।