मणिपुर में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच हुई एक मुठभेड़ सुर्खियों में है। अब उससे जुड़ी नई जानकारियां सामने आ रही हैं। सोमवार को जब हमलावर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के कैंप को निशाना बनाकर हमला करने आए थे तो उन्हें जरा भी भनक नहीं थी कि सुरक्षाबल पहले से ही इस हमले के लिए तैयार थे।

उग्रवादियों के समूह ने यह नहीं दिखा कि कैंप के पास ही एक बुलेटप्रूफ मल्टि पर्पज व्हीकल (MPV) खड़ी है, जहां जवान पहले ही बैठे हुए हैं। जब उन्होंने हमला किया तो ज्यादातर उग्रवादी, सिर्फ लाइट मशीन गन (LMG) के पहले ही शॉट में मारे गए। LMG को MPV पर ही सेट किया गया था।

40 से 50 की संख्या में थे हमलावर
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर पुलिस ने कहा है कि जाकुराधोर के पास एक CRPF कैंप और पड़ोस के ही बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर उग्रवादियों ने गोलीबारी की, जिसे उपद्रवी इलाके के घरों और दुकानों में घुसकर हमला करने लगे। मणिपुर पुलिस और CRPF से जुड़े अधिकारियों की मानें तो पुलिस स्टेशन पर 40 से 50 हथियारबंद लोगों के एक समूह ने हमला किया था।

CRPF की MPV को नहीं देख पाए उग्रवादी
बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के पास ही बने CRPF कैंप पर हमला हुआ है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि हमलावरों ने ऐसा सिर्फ इसलिए किया है, जिससे CRPF की टुकड़ी, अपने कैंप में ही उलझी रही और वे दूसरे गांवो में उत्पात मचा सकें। यह ग्रुप बस यही नहीं भांप पाया कि कैंप के ठीक बाहर एक MPV खड़ी है, जिसमें लाइट मशीन गन लगी है। 

manipur violence
जिरीबाम में उग्रवादियों के पास से बरामद हथियार। (तस्वीर-PTI)

 


एक फायर में ही हो गए ढेर
जैसे ही उग्रवादियों ने कैंप पर फायरिंग शुरू की, MPV में सवार सुरक्षाबलों ने LMG से फायरिंग शुरू कर दी। ज्यादातर उग्रवादी पहली ही फायरिंग में मारे गए। दोनों पक्षों के बीच करीब आधे घंटे तक लगातार झड़प हुई।

क्यों एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल?
CRPF से जुड़े सूत्रों ने यह खारिज कर दिया है कि इस मुठभेड़ में गांव के सिविल वर्कर और वॉलंटियर मारे गए हैं। मृतकों में 10 में 9 लोग चुराचांदपुर के हैं। वे 200 किलोमीटर दूर जाकर किसी की रक्षा करें, यह तुक समझ में नहीं आता है। उनके पास AK-47, SLR और RPG जैसे घातक हथियार मौजूद थे। एक जवान को भी गंभीर चोटें आई हैं।